नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है. जिसका समर्थन अभी तक एनडीए में रही टीडीपी ने किया है. इसी के साथ एनडीए से टीडीपी बाहर हो गई है।
इसके बाद तमाम विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान किया है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन का ऐलान किया है. ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने, मुस्लिम महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अन्याय के लिए अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है।
MIM party will support the No Confidence motion in Lok Sabha today not only for failure on part of Modi Govt to implement the State Reorganisation Act but failure to fulfill their promise to provide employment to youth and for injustice to Muslim Women and Minorities
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 16, 2018
I have signed on the notice for No Confidence motion against Modi led Government pic.twitter.com/05pDiUfK0I
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 16, 2018
लोकसभा चुनाव को लेकर यूपीए के दायरे को बढ़ान की कोशिश में कांग्रेस ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कही है. वामदलों ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन देने का ऐलान किया है।
सीपीआईएम के नेता सीताराम येचुरी ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश के साथ धोखे को माफ नहीं किया जा सकता है. नाकामी और संसदीय जिम्मेदारी को लेकर अब इस सरकार को अब सबके सामने लाने की जरूरत है।
CPI(M) supports the no-confidence motion being brought against the BJP government. Its betrayal of the promise of special status for Andhra Pradesh is inexcuseable. Its all-round failure and evasion of parliamentary accountability needs to be highlighted.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) March 16, 2018
पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी टीएमसी की नेता ममता बनर्जी ने भी टीडीपी के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इस समय जो हालात हैं उससे इस तरह के कदम उठाने की जरूरत है. ममता बनर्जी ने कहा, “मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करती हूं कि सभी मिलकर काम करें.”
वहीं सरकार के खिलाफ ला जाए रहे अविश्वास प्रस्ताव पर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘देखेंगे कि संसद में कौन सा दल किसके साथ जाता है.’ उन्होंने कहा कि यह चुनावी साल है. हर राज्य की अपनी मांगें और मुद्दे हैं. मेरे लिए इस पर कुछ कहना ठीक नहीं होगा. यह एक परंपरा है कि चुनाव से पहले संसद में एक ऐसा रिहर्सल होता है।