हैदराबाद: टीआरएस के मुखिया और तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के 9 महीने पहले एसेम्बली भंग करने का फैसला करके राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है,जहां कॉंग्रेस और बीजेपी के लिये मध्यप्रदेश और राजिस्थान का चुनाव चुनोती बना हुआ था वहीं एक दम तेलंगाना की विधानसभा भंग होने से और परेशानी बढ़ गई है।
विधानसभा भंग होते ही ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के विधायक दल के नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी हलचल शुरू करदी है,और जनसंपर्क तथा नुक्कड़ प्रोग्राम के द्वारा जनता के बीच पहुंचने लगे हैं।
अकबरुद्दीन ओवैसी के शहर हैदराबाद में बहुत लोकप्रियता है युवा वर्ग अकबर के पीछे दीवाना है,हज़ारों संख्या में लोग अकबर को सुनने और मिलने के लिये घण्टों का इंतेज़ार करते हैं।
Aimim के तेलंगाना में 7 विधायक हैं जो विधानसभा में अपनी बात मनवाते हैं,अकबर अपनी दबंग रवैय्या के लिये मशहूर हैं जिसकी झलक विधानसभा में भी देखने को मिलती है,और बेबाकी से आवाज़ उठाते हैं।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने अपनी चुनावी सरगर्मियां शुरू करदी हैं एक सभा को सम्बोधित करते हुए कहा है अपने आपको मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश का इज़हार कर दिया है जिससे विरोधी दल में हलचल मच गई है।
अकबरुद्दीन ने जनसभा में दलील देते हुए कहा कि अगर कर्नाटक में एचडी कुमार स्वामी मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो वह क्यों नहीं बन सकते।
अकबरुद्दीन ने कहा कि उनके पिता सलाउद्दीन ओवैसी (सालार) अकसर कहा करते थे कि सियासत हमारी घर की लौंडी (गुलाम)है। सालार यह भी कहते थे कि हर कोई चाहता है कि वो चीफ बने,लेकिन ऐसा नही होता अमीर एक होता है लीडर एक होता है इसलिए अब लीडरशिप हमको दे दों।