नई दिल्ली:नरेंद्र मोदी लहर में जिस उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 73 सीटेँ जीत कर रिकॉर्ड बनाया था अब उसी उत्तर प्रदेश में भाजपा सिमटती हुई नज़र आरही है जिसका सीधा असर आगामी लोकसभा के 2019 चुनाव पर पडेगा,फूलपुर,गोरखपुर के बाद अब कैराना में भी बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
सपा बसपा कोंग्रेस के गठबन्धन से राष्ट्रीय लोकदल के सिम्बल पर चुनाव लड़ी तब्बसुम ने बीजेपी की मृगांका सिंह को हरा दिया है. जीत से कुछ समय पहले इंटरव्यू में आरएलडी की तबस्सुम बेगह ने कहा कि अहंकारी लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. मगर विकल्प तो ऊपर वाला निकालता है. ऊपर वाले ने विकल्प निकाल दिया है और हमलोग साथ मिलकर चलेंगे और 2019 में इन्हें धूल चटाएंगे।
#EXCLUSIVE | My mission will be to bring everyone together: Tabassum Hasan, Kairana Bypoll winner, tells @shreyadhoundial on #EpicentrePlus #BypollsVerdict pic.twitter.com/X2REo9jafx
— News18 (@CNNnews18) May 31, 2018
जब तबस्सुम से पत्रकार ने पूछा कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में 73 सीटों पर काबिज थी, मगर धीरे-धीरे उसकी संख्या कम रही है. क्या आपको लगता है कि विपक्षी एकता बीजेपी को 2019 में हरा पाएगी? इस पर तबस्सुम ने कहा कि 2019 में हम सब साथ मिलकर चलेंगे और यह गठजोड़ बना रहेगा और हम बीजेपी को 2019 में धूल चटा के रहेंगे।
United Opposition will win in 2019, says Tabassum Hasan, RLD candidate from Kairana #ITVideo
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जीत के बाद तबस्सुम ने कहा, ‘यह सच की जीत है. जो कुछ भी कहा है उसके साथ मैं आज भी हूं, एक साजिश रची गई थी. मैं कभी नहीं चाहूंगी कि भविष्य के चुनाव ईवीएम से हों. संयुक्त विपक्ष का रास्ता अब बिलकुल साफ है.’ बता दें कि राजनीति से तबस्सुम हसन का रिश्ता कोई नया नहीं है. बीजेपी की उम्मीदवार मृगांका सिंह की तरह तबस्सुम भी राजनीतिक घराने से आती हैं।
कैराना लोकसभा उपचुनाव में आरएलडी प्रत्याशी तबस्सुम हसन को सपा, बीएसपी का समर्थन प्राप्त था. बाद में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी इनके खिलाफ प्रत्याशी न उतारने का फैसला कर उनका समर्थन कर दिया था।