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Video: मोदी सरकार से माँग कर रहे किसानों पर बेदर्दी से लाठीचार्ज-वीडीयो देखकर दिल तड़प उठेगा

नई दिल्ली: 2 अक्टूबर को जब देश अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी का की जयंती मना रही है और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मना रही है पर उत्तर प्रदेश के हज़ारों की संख्या में किसान दिल्ली यूपी बॉर्डर पुलिस बल और जवानों के हाथों पिट रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले नौ दिन पहले हरिद्वार से शुरू हुई किसान क्रांति यात्रा लंबा सफर तय करते हुए आज दिल्ली के दरवाजे पर खड़ी है. किसान राजघाट से लेकर संसद भवन तक मार्च निकालना चाहते हैं. पुलिस ने किसानों को दिल्ली यूपी बॉर्डर पर रोक रखा है. सुरक्षाबलों की पूरी कोशिश है कि किसानों को किसी कीमत पर दिल्ली में दाखिल ना होने दिया जाए. इस कोशिश में आंसू गैस के गोले और वॉटर कैनन का इस्तेमाल भी किया गया है. प्रशासन की सख्ती के चलते कई किसानों को गंभीर चोटें भी आई हैं।

क्यों लाठी खाने को मजबूर हैं किसान? किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन कमेटी के फार्मूले के आधार पर किसानों की आय तय हो. इसके साथ ही किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाए. किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज के लोन मिले. किसान अपने लिए पेंशन की भी मांग कर रहे हैं. गन्ने की फसल को लेकर भी किसान लंबे समय से आंदोलन चला रहे हैं. उनकी मांग है कि गन्ने का भुगतान 14 दिन में सुनिश्चित किया जाए।

दिल्ली के आसपास के इलाकों के किसान ट्रैक्टर के जरिए मंडी तक अपनी फसल लाते हैं. ऐसे में किसानों की मांग है कि एनसीआर में दस साल पुराने ट्रैक्टर पर प्रतिबंध के आदेश को वापस कराया जाए. कामर्शियल इस्तेमाल में आने वाली चीनी का न्यूनतम मूल्य 40 रुपये किलो तय किया जाए।

12 बजे राजनाथ सिंह से मिलेंगे किसान नेता किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलेंगा. दोपहर दो बजे राजनाथ सिंह से मिलकर किसान अपनी मांगे रखेंगे. इससे पहले किसानों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी बात की थी. सरकार ने मदद का अश्वासन दिया था. लेकिन किसानों का दावा है कि बातचीत फेल रही. इस बीच खबर है कि किसीनों और गृहमंत्री की मुलाकात से पहले यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा गृहमंत्री निवास के घर पहुंचे हैं।

किसानों को रोकने के लिए क्या इंतजाम? किसानों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में आरएएफ, पैरामिलिट्री फोर्स और दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. दंगा नियंत्रण वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की भी तैनाती की गई है. प्रशासन की कोशिश यही है कि किसानों को किसी भी तरीके से दिल्ली के अंदर दाखिल नहीं होने दिया जाए. प्रशासन ने किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है. संसद भवन और राजघाट के आसपास भी सुरक्षा व्यस्था बेहद चाकचौबंद कर दी गई है. दिल्ली पुलिस और गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से संभलकर यात्रा करने की अपील की है।