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Video: जुमे की नमाज़ छोड़कर हिन्दू पड़ोसी की जान बचाने को दौड़ पड़े नमाज़ी

लखनऊ: भारत मे सदियों से हिन्दू मुस्लिम प्रेम मोहब्बत भाईचारे के साथ रहते आये हैं,कोई एक दूसरे के बैर नही करता था,अपने आपको एक दूसरे से जुड़ा हुआ मानते थे,लेकिन पिछले कुछ दिनों में बिगड़े सौहार्द ने सब कुछ बदल दिया है।

लेकिन कुछ घटनाएँ ऐसी होती है जो मिसाल बन जाती है,लखनऊ में आपसी भाईचारे की एक मिसाल देखने को मिली जब जुम्मे की नमाज छोड़ नमाजी मदद के लिए दौड़े पड़े जबकि मीडिया को ऐसी ख़बरें नहीं मिलती हैं। मुरलीनगर में शीशे वाली मस्जिद के पीछे मुर्तजा अली का पुराना जर्जर मकान शुक्रवार दोपहर में ढह गया।

मलबे में दबने से यहां किराए पर रहने वाले बहराइच निवासी नदीम, चांदबाबू और अभिषेक घायल हो गए, जबकि शाहबुद्दीन उर्फ किन्नू और इम्तियाज की मौत हो गई। दोनों रिश्ते में चाचा-भतीजे थे और कैंट रोड पर परिवार के साथ रहते थे।

हादसे के वक्त मस्जिद में जुम्मे की नमाज शुरू होने वाली थी। नमाजी वुजू के बाद सफों में खड़े ही हुए थे कि मकान ढहने की आवाज आई। यह सुनकर नमाजी मदद को दौड़े और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। तब तक हुसैनगंज पुलिस भी पहुंच गई और घायलों को सिविल अस्पताल पहुंचाया।

मकान में किराए पर रहने वाले नदीम, चांदबाबू और अभिषेक कैंट रोड पर अंडा रोल और कबाब पराठे की दुकान लगाते हैं। शाहबुद्दीन उर्फ किन्नू और इम्तियाज इसी दुकान पर कारीगर थे। दोनों रोज की तरह शुक्रवार सुबह भी यहां पहुंचे और दुकान लगाने की तैयारी करने लगे।

दोनों दोपहर करीब 12 बजे किचन में कबाब का मसाला तैयार कर रहे थे, तभी मकान ढह गया। किचन कोने में होने के कारण ज्यादातर मलबा किन्नू और इम्तियाज के ऊपर ही गिरा। बाहरी हिस्से में मौजूद नदीम, चांदबाबू, और अभिषेक ने बचने के लिए भागने की कोशिश की, लेकिन गली संकरी होने के कारण मलबे की चपेट में आ गए। इनके ऊपर मकान का बाहरी हिस्सा गिरा।

मकान ढहने का पता चलने पर नमाजी लोगों की जान बचाने में जुट गए। मस्जिद के इमाम ने भी नमाज की जगह इस मुहिम की इमामत की। इस बीच हुसैनगंज पुलिस भी मौके पर पहुंची और सभी घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया।

अस्पताल में किन्नू और इम्तियाज की मौत हो गई, जबकि नदीम, चांद और अभिषेक का इलाज चल रहा है। मूल रूप से बहराइच निवासी किन्नू उर्फ शाहबुद्दीन अपनी पत्नी रानी और 9 महीने के बेटे जयान के साथ हुसैनगंज कोतवाली के पास किराए के मकान में रहते थे।

घर में सिर्फ किन्नू ही कमाने वाले थे। उनकी मौत की खबर सुनकर उसकी पत्नी रानी नौ महीने के मासूम बेटे जयान को लेकर घटनास्थल पर पहुंचीं। जयान की आंखें अब्बा को तलाश रही थीं, लेकिन हर ओर शोरगुल सुनकर उसे लग रहा था कि कहीं सैर-सपाटे पर निकला है।

इस बीच उसने मां को रोता देखा तो उसकी आंखों से भी आंसू निकलने लगे। यह देख उसके मामा ने उसे गले से लगा लिया। जयान की नजरों से छिपकर वह भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे।

बच्चे को उदास देख आसपास के लोग उसे टॉफी खिलाने दुकान पर ले गए, लेकिन उसकी खामोशी ने हर किसी को रुला दिया। मौके पर पहुंची मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने भी उसे गोद में लेने की कोशिश की मगर वह मामा के गले से चिपटा रहा।