नई दिल्ली: इंसानियत की एक ताज़ा मिसाल राजधानी दिल्ली में देखने को मिल रही है जहां एक महिला ऑफिसर बेसहारा लोगों की मदद करके उनको ज़िन्दगी गुज़ारने में सहयोग कर रही है,और इंसानियत का फर्ज निभा रही है।
दिल्ली पुलिस की महिला ऑफिसर का नाम असलम खान है जिसका भारत-पाक बॉर्डर पर स्थित जम्मू-कश्मीर के एक गांव से एक खास रिश्ता है. देश के अंतिम छोर पर बसे इस गांव के एक परिवार का मदद कर उन्होंने इंसानियत की एक मिसाल कायम की है. इस परिवार को असलम खान अपनी सैलरी से हर महीने पैसे भेजती हैं. इतना ही नहीं वो इस परिवार से हमेशा बातचीत कर हालचाल भी जाना करती हैं।
He was a truck driver & was murdered on 9 Jan by a group of boys. I somehow got in contact with them & realised they're very poor & Feb onward I started sending them a part of my salary. I've also been approached by people who want to help them: Delhi DCP (Northwest) Aslam Khan pic.twitter.com/fG8rB6f4WQ
— ANI (@ANI) June 30, 2018
दिल्ली पुलिस डिसीपी (नॉर्थ वेस्ट) असलम खान आरएसपुरा के फ्लोरा गांव के इस परिवार को हर महीने अपनी सैलरी का एक हिस्सा भेजकर मदद करती हैं. इसी साल जनवरी में परिवार के एक मात्र कर्ताधर्ता की हत्या हो गई थी. परिवार पर दो जून की रोटी की आफत आ गई थी. परिवार का कहना है कि हम डर गए थे लेकिन इन्होंने हमारी मदद करनी शुरू कर दी. हम इनके आभारी हैं।
J&K: Delhi DCP (Northwest) Aslam Khan, is helping a family in RS Pura's Flora village by sending them part of her salary every month after their sole breadwinner was murdered this January in Delhi. Family says 'We were scared but Ma'am started helping us. We're thankful to her.' pic.twitter.com/mbF2D78nFi
— ANI (@ANI) June 30, 2018
असलम खान ने बताया कि मान सिंह एक ट्रक ड्राइवर थे और इसी साल के 9 जनवरी को लड़कों के एक समूह ने उनकी हत्या कर दी. मैं किसी तरह परिवार के संपर्क में आई तब मुझे पता चला कि परिवार काफी गरीब हैं. उन्होंने बताया कि ये सब जानने के बाद मैंने फरवरी से हर महीने अपने सैलरी का एक हिस्सा उन्हें भेजती हूं. खान के मुताबिक, कई लोगों ने परिवार की मदद के लिए उनसे संपर्क भी किया है।
दरअसल, आरएसपुरा के फ्लोरा गांव के सरदार मान सिंह को दिल्ली के जहांगिरपुरी इलाके में मार दिया गया था. ट्रक ड्राइवर मान सिंह चंडीगढ़ से दिल्ली आए थे. इस घटना के बाद डीसीपी असलम खान परिवार के संपर्क में आईं और मदद करना शुरू कर दीं. हालांकि जिस परिवार का वो मदद कर रही हैं उस परिवार के लोग कभी इनसे मिले भी नहीं हैं।