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Video: स्टिंग ऑपरेशन में बेनकाब हुआ हिंदूवादी संगठन का नापाक चेहरा,कहा 2008 धमाकों में उनका बड़ा हाथ था,देखिए

नई दिल्ली: धर्म की आड़ में दहशत का कारोबार कैसे चलता है इसका खुलासा एक स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है जहाँ हिंदूवादी संगठन सनातन संस्था के साधकों का असली चेहरा बेनकाब होगया है,दुनिया को पता चल गया है कि आतंकवाद का असली रुप क्या है ?

इंडिया टुडे के स्‍ट‍िंग ऑपरेशन में सनातन संस्था के साधक मंगेश दिनकर निकम और रिभाऊ कृष्ण दिवेकर ने 2008 में महाराष्ट्र के थिएटरों के बाहर बम धमाकों में अपनी भूमिका कबूली है।

महाराष्ट्र में सिनेमा हॉल के बाहर बम धमाकों के आरोप में एटीएस ने इन दोनों का नाम चार्जशीट में नामजद किया था. दोनों साधकों को कोर्ट ने पहले आरोपी बनाया था, फिर बाद में सबूत के अभाव में 2011 में इन्हें रिहा कर दिया गया था. लेकिन अब सात साल बाद कैमरे के सामने इन्होंने खुद अपना जुर्म मान लिया है।

मंगेश दिनकर निकम ने इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम के कैमरे के सामने कहा, “वाशी में था तो सिर्फ रखा और आ गया था. इतना ही रोल था.” निकम ने कैमरे के सामने कबूला है कि 2008 में वाशी में एक सिनेमाहॉल के बाहर उसी ने बम रखा था।

स्‍ट‍िंग में निकम ने ऐसा करने की वजह भी बताई. निकम का कहना है कि वाशी थिएटर में हिंदू देवी-देवताओं की गलत छवि पेश की जा रही थी, इसीलिए उस थिएटर को बंद करवाने के लिए वहां बम प्लांट किया. निकम ने ये भी कबूल किया कि सनातन संस्था का दूसरा साधक हरिभाऊ कृष्णा दिवेकर भी उसके साथ इस काम में शामिल था।

जानिए क्या है सनातन संस्था?

सनातन संस्था एक हिंदू धार्मिक संगठन है. करीब 20 साल पहले 1999 में डॉ. जयंत आठवले ने इस संस्था की स्थापन की थी. महाराष्ट्र, गोवा समेत देश के कई हिस्सों में इसके केंद्र फैले हैं. हिंदुत्व के नाम पर हिंसा के विवादों से अक्‍सर सनातन संस्था सुर्खियों में आती रहती है।

बता दें कि 2008 में महाराष्ट्र के सिनेमाघरों में हुए बम धमाकों में एटीएस ने 6 संदिग्धों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. इनमें मंगेश दिनकर निकम, हरिभाऊ कृष्ण दिवेकर, विक्रम विनय भावे, संतोष सीताराम आंगरे, रमेश हनुमंत गडकरी और हेंमत तुकाराम के नाम शामिल थे।