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Video: 8 मिनट तक खड़े हुए क़ुरआन शरीफ के पन्ने पलटते रहे नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशों में जाकर मस्जिदों का दौरा किया है जिसके बाद उनके कुछ समर्थकों को ये बात बुरी लगी है और उन्होंने प्रधनमंत्री के इस कार्य पर उनकी आलोचना करी है ,मोदी का मस्जिद में जाना पहला मौका नही है बल्कि वे इससे पहले भी कई बार मस्जिद में जा चुके हैं,तथा इसके अलावा मन की बात में रमज़ान उल मुबारक की मुबारकबाद का जो सन्देश मोदी की तरफ से दिया गया था वो क़ाबिल तरीफ था,इसके साथ साथ प्रधानमंत्री ने रमज़ान की मुबारकबाद को उर्दू में ट्वीट करके भी तरीफ का काम किया था।

एक न्यूज़ पोर्टल वतन समाचार डॉट कॉम ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजरात की मुख्यमंत्री के तौर पर रहते हुए एक किताब मेले का उद्घाटन किया था इस किताब मेले में मधुर सन्देश संगम की तरफ से नसीम गाज़ी भी मौजूद थे (बचपन मे इस्लाम कुबूल किया था)जो मेले में किताबों लगाये हुए थे,गाज़ी साहब की जो बातचीत वतन समाचार से हुई वो पढ़िए।

क़ुरआन के पन्नों को पलटते हुए मोदी, यह तस्वीरें नसीम ग़ाज़ी के भतीजे और देश की मशहूर हस्ती वसीम गाज़ी से वतन समाचार को मिली हैं

“इस्लाम” नाम देख कर तेज़ी से बढ़े मोदी.

नसीम गाजी ने वतन समाचार से बातचीत ने बताया कि प्रधानमंत्री के उद्घाटन की वजह से उस दिन किताब मेले में उद्घाटन के समय तक आम लोगों के आने पर रोक थी. उन्होंने कहा कि उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किताब मेले में अंदर आये. उन की नजर हमारे स्टॉल पर गई जहां पर यह बोर्ड लगा था कि “इस्लामी किताबों का सेंटर” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेज़ी से हमारे स्टॉल की तरफ बढ़े और मौके को गनीमत जानते हुए हमारे लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुरान शरीफ हदिया किया।

क़ुरआन साथ ले कर गए मोदी

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 7-8 मिनट तक क़ुरआन के पन्नों को पलटते रहे और जाते वक्त वह उसे साथ लेकर गए. उन्होंने कहा कि थोड़ी ही देर के बाद प्रधानमंत्री मोदी के एक एडवाइजर हमसे मिलने आये. उन्होंने हमें अपना कार्ड दिया और कहा कि अगर आप लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत हो तो आप इस संबंध में हमसे बात कर सकते हैं. आप हमारे राज्य में आए हैं. आप हमारे मेहमान हैं. आपको किसी तरह की हम परेशानी नहीं होने देंगे.

न्योता मिलने के बाद फैसला करना मुश्किल था: गाज़ी

नसीम गाज़ी के अनुसार जब उन्हें किताब मेले में आने का न्योता मिला तो पहले वह इफ और बट में थे, लेकिन काफी सोच विचार के बाद उन्होंने यह फैसला किया कि वह मेले में जरूर जाएंगे और गए भी.

स्वच्छता और इस्लाम नाम की किताब पर पीएमओ का जवाब.

नसीम गाज़ी ने बताया कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सत्ता संभाली और स्वच्छ भारत मिशन का आगाज किया उस वक्त भी हमने उन्हें हिंदी में कुछ किताबें स्वच्छता और इस्लाम को लेकर भेजीं और कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से जवाब आया कि हमें आपकी किताबें मिल गई हैं. किताबें भेजने के लिए बहुत शुक्रिया.

हमेशा पीएमओ ने दिया जवाब

उन्होंने बताया कि जब भी हमने प्रधानमंत्री कार्यालय को कोई चीज भेजी चाहे वह मोदी हों, या अटल बिहारी वाजपेई हमें जरूर जवाब मिला है. इसके लिए हम आभारी हैं. उन्होंने कहा कि हम अपना काम कर रहे हैं. बाकी लोगों से हमारी अपील है कि वह अपना काम करें, ताकि इस्लाम का शांति का पैगाम सब को पहुंचे.

सिर्फ किरदार से बनेगी बात.

इस्लाम को अगर 1 शब्दों में बयान किया जाए तो वह सिर्फ और सिर्फ किरदार का नाम है, और हमें अपने किरदार और अखलाक से इस्लाम हो जाहिर करना है।

साभार वतन समाचार डॉट कॉम