लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की दलित महिला सांसद सावित्री फुले अपनी ही पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी करते दिख रही हैं। उन्होंने लखनऊ में अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ‘संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ’ रैली के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कड़ी चेतावनी दे डाली।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सावित्री फुले ने कहा कि वह सांसद रहें या न रहें, लेकिन वह संविधान से छेड़छाड़ नहीं होने देंगी। लखनऊ में आयोजित इस रैली में बीजेपी सांसद ने कहा कि वह बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं होने देंगी।
#BJP MP Savitri Bai Phule speaks at a #rally held "to save Indian constitution and reservation" in #Lucknow
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— Outlook Magazine (@Outlookindia) April 1, 2018
उन्होंने रैली में शामिल हुए सभी लोगों से हाथ उठाकर प्रण लेने की अपील करते हुए कहा, ‘जिस बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के बनाए गए भारत के संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं करने देंगे। मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से यह कहना चाहती हूं कि जिस संविधान के द्वारा हमें सम्मान मिला था, उसे बचाने के लिए अगर प्राणों की आहूति भी देनी पड़े तो हम तैयार हैं। हम भारत के संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए प्राण देने से नहीं डरते।’
If the people in power try to change the Indian Constitution and end the reservation through it, then there will be a bloodbath, BJP MP Savitri Bai Phule told. https://t.co/IaiNHLMA5O
— News18 (@CNNnews18) April 1, 2018
सावित्री ने आगे कहा, ‘भारत में 66 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने को मजबूर हैं। उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था, स्वास्थ्य की व्यवस्था, रहने की व्यवस्था और पानी की व्यवस्था, उनको दो दिन की जिंदगी जीने का अधिकार, हमारे बहुजन समाज के लोगों को भारत के संविधान में व्यवस्था दिए जाने के बाद भी आज तक नहीं मिला। जिस संविधान की बदौलत कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका चल रही है, उस संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं होने दूंगी।’
आपको बता दें कि बीजेपी महिला सांसद ने एससी और एसटी वर्ग के लोगों को नौकरियों और पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर तीन माह पहले बहराइच से आंदोलन शुरू किया था। वह पिछड़ी जाति-जनजाति को लेकर मोदी सरकार की जो नीतियां हैं, उनका विरोध कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर पार्टी उनके खिलाफ कोई कदम उठाती है तो यह संविधान के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के बराबर होगा। सावित्री अंबेडकर के नाम से रामजी जोड़ने को लेकर भी अपना विरोध जाहिर कर चुकी हैं।