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West Bengal Panchayat Election Results : तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की, दीदी का जलवा क़ायम!

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों (West Bengal Panchayat Election Results) में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है। पार्टी 12518 से ज्यादा सीटों पर जीत के साथ आगे बढ़ रही है। इस चुनाव परिणाम ने यह बता दिया है कि प. बंगाल के ग्रामीण इलाकों में दीदी का जलवा अब भी कायम है। आने वाले लोकसभा चुनाव में भी इसका असर दिखाई पड़ सकता है। तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि विपक्षी एकता के बीच इस बार यह बढ़त निर्णायक होगी। हालांकि, भाजपा का दावा है कि पिछले पंचायत चुनावों में भी तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की थी, इसके बाद भी भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 18 सीटों पर जीत हासिल की थी, इस बार भी उसे यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है।

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पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार को भूमि सुधार और ग्रामीण इलाकों में शुरू की गई लोक कल्याणकारी योजनाओं का फायदा मिल रहा है। इसी समर्थन के बदले ममता बनर्जी ने वामदलों का किला ध्वस्त किया था। नए पंचायत चुनाव परिणामों में तृणमूल कांग्रेस की ग्रामीण इलाकों में पकड़ बरकरार दिखाई पड़ रही है। पिछले पंचायत चुनाव में भी तृणमूल ने 38 हजार से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी। इससे ग्रामीण मतदाताओं के बीच ममता बनर्जी की पकड़ बरकरार दिखाई देती है।

हालांकि, पंचायत चुनावों में हुई हिंसा ने राज्य सरकार की जीत धूमिल कर दी है। हाई कोर्ट और बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने प. बंगाल में हुई हिंसा पर कठोर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय बलों की नियुक्ति कर यह बता दिया था कि राज्य में हिंसा का आरोप केवल राजनीतिक नहीं है। अब तक 32 से ज्यादा लोगों की राजनीतिक हत्या का मामला सामने आ चुका है।

2018 के पिछले पंचायत चुनाव में भारी संख्या में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार निर्विरोध जीत गए थे। इस बार इस संख्या में कमी आई है जबकि इसी दौरान भाजपा के ज्यादा संख्या में निर्विरोध निर्वाचित हुए उम्मीदवारों ने राज्य में नए चुनावी समीकरण पैदा होने के संकेत भी दे दिये हैं।

भाजपा ने लगाया आरोप

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल ने अमर उजाला से कहा कि प. बंगाल पंचायत चुनाव में जमकर हिंसा हुई है। नामांकन से लेकर मतदान और मतगणना तक हिंसा जारी रही और इस दौरान 45 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। भाजपा ने चुनाव के दौरान हिंसा की लिखित 34 शिकायतें राज्य चुनाव आयोग के समक्ष दर्ज कराई थीं, लेकिन आरोप है कि एक मामले में भी कार्रवाई नहीं हुई। राज्य सरकार ने भारी बल का उपयोग करते हुए पंचायत चुनावों में जीत हासिल की है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इतनी भारी हिंसा के बाद भी कांग्रेस और वामदलों ने प. बंगाल की हिंसा का कड़ा विरोध नहीं किया है। ऐसे में यह साबित होता है कि सत्ता में साथ के लिए ये दल हिंसा की ओर से आंखें बंद किए रह सकते हैं, जिसमें सामान्य लोगों को अपनी जान गंवानी पड़े।

लोकसभा चुनाव में नहीं होगा कोई असर

प्रेम शुक्ल ने कहा कि पिछले पंचायत चुनाव के दौरान भी तृणमूल कांग्रेस ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 18 सीटें जीतने में सफलता हासिल की थी। इस बार भी जब केंद्रीय बलों की निगरानी में लोकसभा चुनाव होंगे तब भाजपा अपना प्रदर्शन न केवल बरकरार रखेगी, बल्कि इसमें बढ़ोतरी भी होगी।

2018 में तृणमूल का प्रदर्शन

वर्ष 2018 के पिछले पंचायत चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी ने 72 फीसदी वोटों के साथ 793 जिला परिषद, 8062 पंचायत समितियों और 38 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों पर कब्जा कर लिया था। विपक्ष में भाजपा को केवल 13 फीसदी मतों के साथ 22 जिला परिषदों और 5.5 हजार से कुछ ज्यादा पंचायतों पर जीत मिली थी। भाजपा ने इस चुनाव में भी भारी हिंसा का आरोप लगाया था।

बाद में 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने 43.3 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 22 सीटों पर और भाजपा ने 40.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा का दावा है कि जब केंद्रीय सुरक्षाबलों की निगरानी में केंद्रीय चुनाव आयोग की अगुवाई में लोकसभा चुनाव होंगे, तब वह अपना प्रदर्शन दोहराने में सफल रहेगी। हालांकि, इसी बीच विपक्षी एकता नए समीकरण पैदा कर सकती है जिससे सीटों और वोट शेयर में बदलाव देखने को मिल सकता है