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मुझ पर आरोप लगाने वालों, गंगा में मेडल बहाने से बृजभूषण को फांसी नहीं मिलेगी : बृजभूषण

यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ‘अगर उन्हें ग़लत पाया गया तो वह ख़ुद फांसी पर चढ़ने को तैयार हैं,’

बुधवार को उन्होंने कहा, “आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं. चार महीने हो गए, वे मुझे फांसी चाहते हैं, सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो अपना मेडल लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं.”

एक रैली में भाषण देते हुए उन्होंने कहा, “मुझ पर आरोप लगाने वालों, गंगा में मेडल बहाने से बृजभूषण को फांसी नहीं मिलेगी. अगर तुम्हारे पास कोई सबूत है तो जाकर पुलिस को दो और न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे स्वीकार होगा, मैं फांसी पर चढ़ जाउंगा.”

उन्होंने कहा कि ये “ये इमोशनल ड्रामा है.” और मामले की जांच पहले ही दिल्ली पुलिस कर रही है.

बीते 28 मई को जंतर मंतर से हटाए जाने के बाद महिला पहलनवानों विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने घोषणा की थी कि मंगलवार को हरिद्वार में गंगा में वो अपने मेडल बहा देंगे.

लेकिन मंगलवार की शाम किसान नेता राकेश टिकैत के अनुरोध पर हरिद्वार पहुंचे पहलवानों ने अपना कार्यक्रम स्थगति कर दिया.

महिला पहलवानों ने कुश्ती महासंघ अध्यक्ष पर कार्रवाई करने को लेकर प्रशासन को पांच दिन का समय दिया है.

यौन उत्पीड़न के आरोपों से कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृजभूषण सिंह को दिल्ली पुलिस की ओर से क्लीन चिट दिए जाने की ख़बर का खंडन करने के कुछ ही देर बाद दिल्ली पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से ये ट्वीट हटा लिया.

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा था, “कई मीडिया चैनल चला रहे हैं कि कुश्ती महासंघ अध्यक्ष वृजभूषण के ख़िलाफ दर्ज मामले में दिल्ली पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला है और अंतिम रिपोर्ट अभी संबंधित कोर्ट में जमा होनी है.”

ट्वीट में कहा गया था, “हम स्पष्ट करते हैं कि यह ख़बर ग़लत है और इस संवेदनशील मामले में जांच जारी है.”

लेकिन कुछ ही समय बाद ये ट्वीट दिल्ली पुलिस के ट्विटर हैंडल से डिलीट कर दिया गया.

असल में समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से ख़बर चलाई थी कि ‘बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता क्योंकि उनके ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के मामले में पर्याप्त सबूत नहीं मिले.’

एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा था, “अभी तक हमें बृजभूषण सिंह को गिरफ़्तार करने लायक पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं. हम कोर्ट में 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे. ये चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट के रूप में हो सकती है. पहलवानों के दावों को साबित करने के लिए कोई भी सबूत नहीं मिला है.”

इस ख़बर को कई अन्य मीडिया संस्थानों ने भी चलाया, जिसे लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर इसका खंडन किया था.