Related Articles
” एक कप चाय”…*थोड़ा मैं बदलता हूं और थोड़ा तुम बदलो*
Laxmi Kumawat =============== * थोड़ा मैं बदलता हूं और थोड़ा तुम बदलो * ” एक कप चाय” जैसे ही यह शब्द कानों में गूंजे, वैसे ही गुंजन का रसोई में खड़े-खड़े ही पारा चढ़ गया। ‘हे भगवान कितनी चाय पीता है यह शख्स। किस्मत फूटी होगी उस लड़की की, जो इससे शादी करेगी। बेचारी की […]
लेखक, संजय नायक ‘शिल्प’ की====कहानी “मरीज़” अंतिम किश्त, पढ़िये!
संजय नायक ‘शिल्प’ ================== · कहानी “मरीज” अंतिम किश्त ‘…………आज भी वो मुस्कान वैसी ही थी जैसे पांच साल पहले थी’ उसने मन ही मन सोचा और सीने से तस्वीर को लगा आँखें बंद कर ली । तभी दरवाजे पर जोर जोर से दस्तक हुई “दरवाजा खोलिए लेक्चरर साहब कब तक सोते रहेंगे ?” बाहर […]
मेरे पास तुम नहीं हो…..
Puspita Chatterjee =========== আমার কোনো তুমি নেই পুষ্পিতা চট্টোপাধ্যায় আজকাল আমি আর তুমি ছাড়া কবিতার শব্দব্যঞ্জনা কেমন যেন পানসে বোধ হয় প্রসঙ্গত বলা ভাল আমার কিন্তু কোন তুমি নেই কদাচিৎ ঝুলতে থাকা কোনো বন্ধুসুলভ তীর হৃদয়ের এ ফোঁড় ও ফোঁড় হলে পুরনো দিনের গান আমাকে পাগল করে তোলে। সতীনাথ মুখোপাধ্যায়ের পদতলে উগড়ে দিই যাবতীয় দুঃখপাতা […]