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अमेठी में कांग्रेस का बहुत बड़ा प्लान काम कर गया!

Dr Monika Singh
@Dr_MonikaSingh_
अमेठी में बहुत बड़ा प्लान काम कर गया !

अमेठी से रिपोर्ट है कि स्मृति ईरानी हार रही है, कांग्रेस के लिय ये सीट सेफ साबित होने वाली है इस बार, राहुल गाँधी से स्मृति ईरानी हारती तो कोई बड़ी बात नही थी ये कहा जाता कि कांग्रेस का गढ़ है इसलिए हार गयी, लेकिन अब के एल शर्मा जी हार होगी तो ये कहा जायेगा कि गाँधी परिवार के अलावा उनके एक कार्यकर्ता ने भी स्मृति ईरानी को हरा दिया, ये ईरानी के राजनितिक कैरियर पर सबसे बड़ा धब्बा होगा और 2019 हार का सबसे बड़ा बदला !

रायबरेली से जीतने के बाद राहुल गाँधी सीट खाली करेने और फिर उसी सीट से प्रियंका गाँधी संसद जाएगी ! अगर अभी प्रियंका गाँधी चुनाव लडती अमेठी या रायबरेली से तो एक सीट खाली करना पड़ती राहुल गांधी वाली और ये उस जनता के साथ धोखा होता !

कांग्रेस ने एक तीर से कई निशाने लगाये है, जिस लेवल पर लोगों कि सोच ख़त्म होती है उससे कंही आगे जा कर इनकी सोच शुरू होती है !

देखते जाइए ईरानी से 2019 का बदला ऐसे लिया जायेगा कि पूरी जिन्दगी ईरानी इस हार को भुला नही पायेगी !

 

 

जयराम रमेश ने राहुल गांधी के रायबरेली से लड़ने की बताई ये वजह

राहुल गांधी के अमेठी की बजाय रायबरेली से लड़ने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ”रायबरेली सिर्फ़ सोनिया जी की नहीं, ख़ुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है. यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है.”

जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ”राहुल गांधी राजनीति और शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं और सोच समझ कर दांव चलते हैं.”

”इस निर्णय से बीजेपी, उनके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गए हैं. बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो परंपरागत सीट की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा कि अब क्या करें?”

जयराम रमेश ने कहा, ”रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है. राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गये, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए?”

प्रियंका गांधी के चुनाव नहीं लड़ने पर जयराम रमेश ने कहा, ”प्रियंका जी धुआंधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी बोलती बंद कर रही हैं. इसीलिए यह ज़रूरी था कि उन्हें सिर्फ़ अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित ना रखा जाए. प्रियंका जी तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुँच जाएंगी.”

”आज स्मृति इरानी की सिर्फ़ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के ख़िलाफ़ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं. अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई.”

बीजेपी नेताओं ने दावा किया है कि राहुल गांधी हार के डर की वजह से अमेठी से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.

1999 के बाद पहली बार गांधी परिवार का कोई सदस्य अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ रहा है.

अमेठी से कांग्रेस पार्टी ने किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. 2019 में स्मृति इरानी ने अमेठी से राहुल गांधी को हराया था.