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*बिना मेहनत के मालकिन बनने के ख्वाब*
Laxmi Kumawat =========== * बिना मेहनत के मालकिन बनने के ख्वाब * घर के बाहर ढोल ढमाकों की आवाज, गीत गाती हुई औरतें, पटाखों के फूटने की आवाज, सचमुच बहुत ही मनमोहक दृश्य था। आज नयी दुल्हन का शांति सदन में गृह प्रवेश था। दुल्हन घर के दरवाजे पर उस बड़ी सी कार में आ […]
स्वयं का उत्थान और पतन हमारी ही हाथों में है : लक्मी सिन्हा का लेख!
Laxmi Sinha ============ हमारी सोच ही हमारी जीवन के गंतव्य की दिशा और लक्ष्य निश्चित करती है। स्वयं का उत्थान और पतन हमारी ही हाथों में है। सकारात्मक विचार दिव्या ऊर्जा के स्रोत है। जो व्यक्ति इन विचारों को अंगीकार करता है, वह अपने चारों ओर के परिवेश को भी सकारात्मक ऊर्जा से भर देता […]
पिता नहीं है तो क्या हुआ, चाचा ताऊ तो ज़िंदा हैं : लक्ष्मी कुमावत की क़लम से
* पिता नहीं है तो क्या हुआ, चाचा ताऊ तो जिंदा हैं * आज की शाम भी रोज की तरह ही थी। घर के अधिकतर सदस्य अपने-अपने कमरों में थे। मैं रसोई में अपना काम निपटा रही थी। अचानक बाहर से मुझे मेरे पति की आवाज सुनाई दी। शायद वो मुझे बुला रहे थे। अभी […]