सेहत

इन खाद्य पदार्थों के कारण हृदय रोगों का ख़तरा बढ़ जाता है : रिपोर्ट

शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए आहार का ध्यान रखना आवश्यक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, आप जिस प्रकार की चीजों का सेवन करते हैं शरीर पर उसका सीधा असर होता है। कुछ चीजें आपको कई रोगों से बचा सकती हैं, जबकि कुछ के कारण आप गंभीर बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं। जिन खाद्य पदार्थों को सेहत के लिए सबसे नुकसानदायक पाया गया है, उनमें प्रोसेस्ड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड चीजें प्रमुख हैं।

द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में हाल ही में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं उनमें मानसिक स्वास्थ्य विकार, हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा सहित करीब 32 कई प्रकार गंभीर बीमारियों जोखिम अधिक हो सकता है।

इसे समय से पहले मृत्यु के खतरों को भी बढ़ाने वाला पाया गया है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में अधिक कैलोरी होती है जिससे वजन बढ़ने और स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ने का भी खतरा होता है।

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और इसके नुकसान

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर ये खाद्य पदार्थ होते क्या हैं?

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में चीनी, वसा और नमक की मात्रा अधिक होती है। ये खाद्य पदार्थ मुख्यरूप से ‘रेडी टू यूज’ स्टाइल के होते हैं। आइसक्रीम, सॉस, क्रिस्प्स, बिस्कुट, कार्बोनेटेड पेय, इंस्टैंट सूप आदि इसी श्रेणी में आते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि इन चीजों के अधिक सेवन से शरीर में कैलोरी और फैट की मात्रा बढ़ने का खतरा रहता है। इनके अधिक सेवन से शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर का स्तर भी अधिक हो सकता है, यही कारण है कि ऐसे खाद्य पदार्थों से सेहत को कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं।

हृदय रोगों का बढ़ जाता है खतरा

अध्ययन की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया, जिन लोगों ने अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजों को सेवन अधिक किया था उनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और इसके कारण मौत का खतरा 50 फीसदी अधिक पाया गया। इस तरह के खाद्य पदार्थों को एंग्जाइटी जैसी मानसिक बीमारियों का जोखिम 48-53 फीसदी और टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को 12 प्रतिशत तक बढ़ाते हुए देखा गया है।

ऑस्ट्रेलिया में डीकिन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन और जॉन्स हॉपकिन्स के शोधकर्ताओं ने करीब 10 मिलियन (एक करोड़) लोगों पर अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का विश्लेषण किया। इन खाद्य पदार्थों को नींद संबंधी विकारों, मानसिक स्वास्थ्य विकारों और क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारक पाया गया है।

क्या कहते हैं शोधकर्ता?

शोधकर्ताओं ने कहा, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजों के कारण अस्थमा, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों और कैंसर के खतरे को लेकर साक्ष्य सीमित हैं, पर इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों ने कहा अगर इसका अक्सर सेवन करते हैं तो समय से पहले मौत का खतरा भी हो सकता है। चूंकि इन चीजों में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स की मात्रा कम होती है इसलिए इनका सेवन शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

स्वस्थ और पौष्टिक चीजों की बढ़ाएं मात्रा

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, शरीर को रोग मुक्त रखने के लिए जरूरी है कि आप स्वस्थ और पौष्टिक तत्वों से भरपूर चीजों का सेवन करें। अध्ययनों में पाया गया है कि बीमारियों से बचाव के लिए भोजन की थाली में एक तिहाई मात्रा फलों और सब्जियों की होनी चाहिए। आहार में रंग बिरंगी सब्जियों-फलों की मात्रा बढ़ाकर एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन और विटामिन्स प्राप्त किए जा सकते हैं जिससे आप बीमारियों से बचाव कर सकते हैं।

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स्रोत और संदर्भ
Ultra-processed food exposure and adverse health outcomes: umbrella review of epidemiological meta-analyses

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