Related Articles
अम्मा के पेड़……लेखक-संजय नायक ‘शिल्प’ की एक शानदार कहानी!
संजय नायक ‘शिल्प’ ============= अम्मा के पेड़। बचपने में ही उनकी अम्मा चल बसी थी। पर उसे पेड़ पौधों से बहुत प्रेम था, उसने आँगन में तुलसा, सदाबहार, जामुन, नींबू, अमरूद और आम के पौधे लगाए थे। जब तक वो जीवित थी, पौधे वृद्धि करते रहे। पौधों के साथ दोनो भाई भी बड़े हो रहे […]
ताक़तवर नंगे लोगों की एक कथा….धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे!
Kavita Krishnapallavi ==================== · ताक़तवर नंगे लोगों की एक कथा और एक पहेली राजा भी नंगा था पुरोहित धर्मध्वजाधारी भी और चारण भी और सभी प्रचारक भी I फिर गरजा धर्मध्वजाधारी, “मैं सबको नंगा कर दूँगा जो मुझे पाखंडी कहेंगे!” फिर राजा बोला मुस्कुराकर, “हरदम डराने की ज़रूरत नहीं होती I कवियों, कलावंतों और बौद्धिकों […]
मैं बूढ़ी यहां सारा घर का काम करती रहती हूँ और तुम…..!!!
रात के साढ़े बारह बजे दरवाजा खुलने की आवाज सुनकर बुजुर्ग उषाजी ने उसी ओर देखा तो सामने बेटा सुमित और बहू नेहा अंदर की ओर आ रहे थे। ये क्या लगा रखा है तुम दोनों ने! हर रोज देर रात को पार्टी में से लौटना! मैं बूढ़ी यहां सारा घर का काम करती रहती […]