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‘पापा की परी’ सुनने में बड़े अच्छे लगते हैं, लेकिन इन अंध भक्तों से तो भगवान ही बचाए….
Laxmi Kumawat ====================== * बहु चाहिए, पापा की परी नहीं* रविवार का दिन था। आज सचिन और सुजॉय दोनों की ही छुट्टी थी। दोनों अभी-अभी हॉल की सफाई कर वही सोफे पर पसर गए थे। घर में ले देकर तीन जीव ही तो रहते थे सचिन, उसकी पत्नी संध्या और शादी लायक बेटा सुजॉय जो […]
मेँ वह उम्मीदवार नही…..By-मसरूर अहमद ख़ादिम
मसरूर अहमद ख़ादिम ================ · मे वह उम्मीदवार नही जो आप की उम्मीदो पर वार करू बल्कि वह उम्मीदवार हू जो आप की उम्मीदे है उन को पूरा करने मे सहयोगी बनू मगर नहटौर मे पैसा ओर बिरादरी के नाम पर जो खेल खेला जा रहा है उस से मे तक मुतास्सिर हू मुझे डम्मी […]
बिछुड़ने से पहले का दिन….
संजय नायक ‘शिल्प’ =========== चन्द्ररूपायनम ( बिछुड़ने से पहले का दिन….) “पार्वती, जो हो रहा है उसे रोक दो , अब रूपा ने हद पार कर दी है।” रूपा के पिताजी ने माँ से कहा। ” किया क्या है रूपा ने? ” ” अरे , मुझसे पूछती हो..?? पूरा शहर जानता है रूपा ने क्या […]