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चीन के दौरे पर  ब्लिंकन : चीन ने कहाः अमरीका को चीन के आंतरिक मामलों में दख़ल देना बंद करना चाहिए!


चीन और अमरीका के रिश्तों में एक लंबे समय से तनाव जारी है, ऐसी स्थिति में रविवार को अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन चीन पहुंचे हैं।

ब्लिंकन ने चीन पहुंचकर अपने चीनी समकक्ष के साथ मुलाक़ात में तनाव कम करने के बारे में विचार-विमर्श किया है। पिछले पांच वर्षों में अमरीका के किसी वरिष्ठ नेता का चीन का यह पहला दौरा है। वहीं ब्लिंकन 2021 में जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी कैबिनेट के पहले मंत्री हैं, जो चीन पहुंचे हैं।

दो दिन के अपने चीन दौरे में ब्लिंकन विदेश नीति मामलों से जुड़े चीन के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे। हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाक़त होगी या नहीं, इस बारें में अभी संश्य बना हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ ज़ी-फ़िंग का इस संदर्भ में कहना हैः चीन और अमरीका के रिश्तों में खटास की एक बड़ी वजह ताइवान और इस मुद्दे पर अमरीका का हस्तक्षेप है। इसके अलावा दक्षिण चीन सागर में अमरीकी युद्धपोतों की मौजूदगी के कारण, दोनों देश कई बार सीधे टकराव के क़रीब पहुंच चुके हैं। चीन का मानना है कि अमरीका उसे उसकी समुद्री सीमाओं के भीतर सीमित करने का प्रयास कर रहा है।

इसके अलावा भी आर्थिक प्रतिस्पर्धा जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को लेकर भी चीन और अमरीका के बीच तनाव और असहमति है। विश्व भर में चीन के बढ़ते प्रभाव को अमरीका, रोकना चाहता है, लेकिन इसके लिए वह रिश्तों की बहाली के विकल्प को भी खुला रखना चाहता है। इसी वजह से ब्लिंकन के एजेंडे में चर्चा के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दे हो सकते हैं। उनकी पहली प्राथमिकता दोनों मुल्कों के रिश्तों को बेहतर करने की रहेगी।

हालांकि ब्लिंकन के दौरे को लेकर चीनी ख़ेमे में शांति छाई हुई है। चीनी विदेश मंत्री चिन गैंग और अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच बुधवार रात फ़ोन पर हुई बातचीत के बारे में चीन के आधिकारिक अकाउंट पर जो जानकारी दी गई है, उसके अनुसार चिन गैंग ने ब्लिंकन से कहा कि दोनों देशों के रिश्तों में आए तनाव के लिए कौन ज़िम्मेदार है, यह स्पष्ट है।

गैंग ने ब्लिंकन से कहाः अमरीका को चीन की चिंताओं का सम्मान करना चाहिए, चीन के आंतरिक मामलों में दख़ल देना बंद करना चाहिए और कॉम्पटिशन के नाम पर चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास को कम करके नहीं देखना चाहिए।

ब्लिंकन पहले ही कह चुके हैं कि इस दौरे में उनका उद्देश्य तनाव के जोखिम को कम करना और एक बार फिर बातचीत जारी रखने की प्रक्रिया को शुरू करना है। हालांकि ब्लिंकन के इस दौरे से काफ़ी कुछ उम्मीद करना सही नहीं होगा। साथ ही दोनों मुल्कों के बीच अधिक सहयोग या साझेदारी ख़ुद बाइडन के लिए गले की हड्डी बन सकती है।