देश

चौथी पास राजा की कहानी, केजरीवाल ने सुनाई : राजा ने M.A की फ़र्ज़ी डिग्री बनवायी, रात को 8 बजे नोटबंदी कर दी….ये एक भरष्टाचारी राजा की है….

दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ रविवार को आम आदमी पार्टी ने रामलीला मैदान में ‘महारैली’ की.

‘महारैली’ में बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि अध्यादेश लाकर सरकार दिल्ली के लोगों के अधिकार छीनने का काम कर रही है.

इस मौके पर उन्होंने कहा वो ‘चौथी पास राजा’ की एक कहानी सुनाना चाहते हैं.

जो चौथी पास राजा की कहानी, केजरीवाल ने सुनाई-

कई हजार साल पुराना एक महान देश था. एक गांव के गरीब परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ. गांव के एक ज्योतिषी ने बच्चे की कुंडली देखकर मां को कहा कि ये बड़ा होकर बहुत बड़ा सम्राट बनेगा. यह सुनकर मां को कुछ समझ नहीं आया.

बच्चा धीरे-धीरे बड़ा होने लगा और गांव के एक सरकारी स्कूल में उसका दाखिला करवा दिया. उसका पढ़ने में दिल नहीं लगता था. उसने चौथी क्लास में आकर अपना नाम कटवा लिया.

गांव के पास में एक रेलवे स्टेशन था. घर गरीब होने की वजह से बच्चा वहां रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने लगा, जिससे वह अपना गुजारा करता था. वह बचपन से ही बहुत अच्छा भाषण देता था. वह गांव के बच्चों को इकट्ठा करके उन्हें भाषण देता था. यह बात धीरे धीरे आस-पास के इलाकों में फैल गई. वह बच्चा किसी भी विषय पर भाषण दे देता था.

बच्चा बड़ा हुआ. ज्योतिष के कहे अनुसार बच्चा उस महान देश का सम्राट बन गया, लेकिन राजा तो अनपढ़ था, उसे कुछ आता नहीं था. अफसर आते और राजा से किसी भी कागज पर साइन करवा लेते. राजा को लगता था कि अगर वह अफसरों से कुछ पूछेगा तो उन्हें लगा कि राजा को कुछ नहीं आता. ऐसे में अफसर कुछ भी पास करवा लेते थे. ऐसे में राजा में एक फर्जी एमए की डिग्री का जुगाड़ कर लिया, लेकिन पूरे देश को सच्चाई पता थी.

धीरे-धीरे राजा अहंकारी भी हो गया. एक बार कुछ लोग राजा के पास गए और कहा कि आप नोट बंद कर दो, इससे भ्रष्टाचार और आतंकवाद खत्म हो जाएगा. राजा को कुछ समझ नहीं आया, उसने एक दिन शाम को टीवी पर आकर रात को आठ बजे आकर देश में नोटबंदी कर दी. बैंकों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गई, कई लोग मर गए, रोजगार बंद हो गए, बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री बंद हो गई, पूरे देश बर्बाद हो गया.

एक दिन किसी ने राजा को कहा कि दो हजार रुपये का नोट ले आओ. राजा दो हजार का नोट ले आया. चार साल बाद कुछ लोग आकर बोले कि दो हजार का नोट बंद कर दो, राजा ने बंद कर दिया. राजा को अक्ल नहीं थी. कभी दो हजार का नोट चालू करता था तो कभी बंद करता था.

एक बार कुछ लोगों ने राजा को कहा कि किसानों के लिए कानून बना दो. इस कानून से भला होगा. राजा ने कानून बना दिए, और पूरे देश के किसान सड़कों पर उतर आए. 750 किसान आंदोलन में मर गए और एक साल के बाद राजा को वो कानून वापस लेने पड़े.

एक बार उस देश के अंदर महामारी फैल गई. लोग मरने लगे. किसी ने आकर राजा से कहा कि थाली बजवाओ तो देश ठीक हो जाएगा. राजा ने पूरे देश में थाली और चम्मच बजवा दिए.

राजा अपने दोस्तों का बहुत ख्याल रखता था. उसके दोस्त थे. एक दोस्त ने दस हजार करोड़ रुपये चोरी कर लिए. राजा ने उसे देश से भगा दिया. दूसरे दोस्त ने 20 हजार करोड़ रुपये चोरी कर लिए, राजा ने उसे भी देश से भगा दिया. एक दोस्त ऐसा था जिससे राजा की गहरी दोस्ती थी. उस दोस्त को उस राजा ने सारे एयरपोर्ट बेच दिए, सारे जहाज बेच दिए, सारे सी-पोर्ट बेच दिए. राजा ने उसे आसमान बेच दिया, जमीन बेच दी, खदानें बेच दी. उस दोस्त पर राजा मेहरबान था.

राजा का एक और दोस्त था. वो दोस्त इतना गंदा था कि उसने कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी महिलाओं के साथ बदतमीजी की लेकिन राजा ने दोस्ती नहीं छोड़ी. मजाल जो उस दोस्त पर कोई आंच आ जाए. राजा उस दोस्त के साथ खड़ा रहा, लेकिन उसने खिलाड़ियों का साथ नहीं दिया.

राजा का एक और दोस्त था. उस दोस्त ने किसानों के ऊपर गाड़ी चला दी, उन्हें रौंद दिया. राजा ने अपनी दोस्ती नहीं छोड़ी. इस बात पर तो दाद देनी पड़ेगी कि राजा, दोस्तबाज था. एक नंबर का दोस्तबाज था.

चारों तरफ अत्याचार हो गया. चारों तरफ देश के अंदर राजा के लोग बलात्कार करने लगे, गलत काम करने लगे. हाहाकार मच गया. जो राजा के खिलाफ बोलता उसे राजा पकड़कर जेल में डाल देता. एक दिन एक पत्रकार ने राजा के खिलाफ कार्टून बना दिया. उस पत्रकार को जेल में डाल दिया. एक दिन पत्रकार ने लिख दिया उसे जेल में डाल दिया. कोई जज उस राजा के खिलाफ ऑर्डर करता था तो राजा उसे माफ नहीं करता था.

ऊपर आसमान में देवता यह सब देख रहे थे कि पृथ्वी पर कितना घनघोर अत्याचार हो रहा है. सारे देवता इकट्ठे हुए. उन्होंने मीटिंग की और शिवजी महाराज जी के पास गए और मदद मांगी. शिव जी ने तीसरी आंख खोली और पृथ्वी पर अजीब-अजीब घटनाएं घटनी लगीं. उज्जैन में महाकाल की छह सप्तऋषियों की दस फुट की भारी भारी मूर्तियां थीं एक दिन बारिश-तूफान में टूट गई. लोगों ने कहा कि अपशगुन हो रहा है.

एक दिन एक ट्रेन एक्सीडेंट हो गया, 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. लोगों ने कहा कि बहुत अपशगुन हो रहा है. एक दिन घनघोर बारिश आई. ऊपर से आकाशवाणी हुई और सुनाई दिया कि आप महान देश के लोग हो, आप क्या कर रहे हो, उठो और खड़े हो जाओ.

इस अहंकारी राजा के खिलाफ सब लोग मिलकर आवाज उठाओ. भगवान आपके साथ है और उसके बाद सोई हुई जनता जाग गई. एक साल के अंदर उस अहंकारी राजा का राज-पाठ जनता ने उखाड़ कर फेंक दिया. ये कहानी बड़ी पवित्र कहानी है. इस कहानी को सुनने और सुनाने से परिवार का, समाज का और देश का बहुत भला होता है.