साहित्य

#छुटेली, इस तरह की औरतों के लिए सिर्फ़ पैसा ही भगवान होता है!

महाराज हरिश्चंद्र
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#छुटेली
एक समय था जब समाज में महिलाओं की सिर्फ तीन ही केटेगरी हुआ करती थीं…. #अविवाहित, #विवाहित और #विधवा ।


लेकिन आधुनिक समय में स्त्रियों की एक केटेगरी और बढ़ गयी, वह है #छुटेली । शायद कुछ लोग कन्फ्यूज होंगे कि यह कौन सी केटेगरी है ? तो मैं व्याख्या करती हूँ… यह वह कैटेगरी होती है जिसमें एक #शादीशुदा औरत अपने पति के जीवित होते हुए भी उससे दूर रहकर अपने मायके में जीवन व्यतीत करती हैं। इसके मुख्य कारण होते हैं.. उसकी चरित्रहीनता, पैसों की अत्यधिक चाहत, पैसा लूटने के उद्देश्य से पति पर किए झूठे दहेज के मुकदमें, शादी से पूर्व अपने प्रेमी से शारीरिक संबंध, मायके की अत्यधिक चाहत, पति को गुलाम बनाकर रखने की तीव्र इच्छा आदि औरत की #छुटेली कैटेगरी को जन्म देती है । निगाह घुमाकर देखेंगे तो इस तरह की कैटिगरी की औरतें आपको अपने पास-पड़ोस में बहुत देखने को मिल जायेंगी जो अपने मन में यह सब करने के बाद भी बड़ा स्वाभिमान है लेकिन वास्तव में समाज में उनकी है वेल्यू सिर्फ एक वैश्या महसूस करती एवं तवायफ के रूप में होती है, जिसके नसीब में कभी पति का सुख नहीं होता। सिर्फ पैसा ही इस तरह की औरतों के लिए भगवान होता है और अंत में ऐसी औरत की मृत्यु होने पर चिता जलाने वाला भी किराये का लाना पड़ता है।

डिस्क्लेमर : लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है