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जर्मनी और ब्रिटेन ने की ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम की मांग, लकिन तुरंत युद्धविराम की मांग से परहेज़ किया!

जर्मनी और ब्रिटेन के विदेशमंत्रियों ने गज़्ज़ा में युद्धविराम की मांग की है परंतु उन्होंने तुरंत युद्धविराम की मांग से परहेज़ किया है।

समाचार पत्र “सन्डे टाइम्स” की रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी और ब्रिटेन के विदेशमंत्रियों ने गज्जा में स्थाई युद्धविराम की मांग की है परंतु उन्होंने तुरंत युद्धविराम की मांग करने से परहेज़ किया है। ब्रिटेन और जर्मनी के विदेशमंत्रियों ने समाचार पत्रसन्डे टाइम्स के लेख में लिखा है कि हमें एक ऐसे स्थाई व टिकाऊ युद्धविराम के लिए पूरा प्रयास करना चाहिये जो शांति व सुरक्षा का कारण बने।

इसी प्रकार इन देशों के विदेशमंत्रियों ने बल देकर कहा है कि युद्धविराम जितनी जल्दी हो उतना बेहतर है, इसकी तुरंत ज़रूरत है क्योंकि ज़रूरत से ज्यादा आम नागरिक इस युद्ध में मारे गये हैं। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने दोनों देशों के विदेशमंत्रियों के लेख की ओर संकेत करते हुए कहा है कि दोनों देशों के विदेशमंत्रियों का यह विश्वास नहीं है कि तुरंत युद्धविराम बेहतरीन मार्ग है क्योंकि उन दोनों का कहना है कि तुरंत युद्धविराम से इस्राईल के आत्मरक्षा के अधिकार की अनदेखी होती है।

ज्ञात रहे कि ब्रिटेन और जर्मनी भी इस्राईल के पाश्विक हमलों के समर्थक हैं और इन देशों के विदेशमंत्रियों ने दावा किया है कि हमास ने पाश्विक तरीके से इस्राईल पर हमला किया है और अभी भी इस्राईली नागरिकों की हत्या के लिए राकेट फायर करता है और हमास को चाहिये कि वह अपने हथियारों को रख दे।

इसी प्रकार दोनों देशों के विदेशमंत्रियों के लेख में आया है कि हमास का सत्ता में रहना दो सरकारों के मार्ग में हमेशा की रुकावट है। इसी प्रकार इन देशों के विदेशमंत्रियों ने दावा किया है कि एक अस्थाई युद्धविराम अधिक हिंसा का कारण बनेगा और शांति के लिए जो ज़रूरी विश्वास व भरोसे की ज़रूरत है उसे कठिन कर देगा।

ब्रिटेन के विदेशमंत्री ने इससे पहले सीएनएन से वार्ता में कहा था कि अगर गज्जा का एक भाग भी हमास के नियंत्रण में रहेगा तो दो देशों के समाधान का प्रस्ताव कभी भी व्यवहारिक नहीं हो सकेगा।