नई दिल्ली: कर्नाटक में हर वर्ष नवंबर में सियासी पारा चढ़ा रहता है,टीपू सुल्तान के नाम राजनीति होती है,जिसका भारतीय जनता पार्टी विरोध करती है,और अन्य दल समर्थन में रहते हैं,हर वर्ष 10 नवंबर को जयंती मनाई जाती है,जिसके कार्यक्रम की योजना बड़ी जोरशोर से होती है।
कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कार्यक्रम का विरोध करते हुए कहा,’हम टीपू जयंती का विरोध कर रहे हैं. इस जयंती की कोई सराहना नहीं करेगा. राज्य के हित के लिए सराकर को इसे रोकना चाहिए. टीपू जयंती मनाकर सरकार केवल मुस्लिम समाज को संतुष्ट करना चाहती है.’
Tipu Sultan has a long history and there is nothing wrong in conducting Tipu Jayanti. BJP has its political agenda. They want to create some differences between Hindus and minorities: DK Shivkumar, Karnataka Minister on BJP's decision to oppose Tipu Jayanti celebration. pic.twitter.com/rvaBnJMHGi
— ANI (@ANI) November 8, 2018
वहीं राज्य सरकार का कहना है कि बीजेपी टीपू जयंती समारोह के मुद्दे पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रही है. कर्नाटक मंत्री डीके शिवकुमार ने कार्यक्रम को सही बताते हुए कहा, टीपू सुल्तान का इतिहास काफी लंबा है. अगर हम उनकी जयंती मनाते हैं, तो इसमें मुझे कहीं कोई बुराई नजर नहीं आती. बीजेपी का अपना राजनैतिक अजेंडा है. वो बस हिंदू और अल्पसंख्यकों के बीच मतभेद पैदा करना चाहते हैं।
Karnataka: BJP workers and members stage protest in Bengaluru, opposing #TipuJayanti celebrations which will be observed in the state tomorrow. pic.twitter.com/tUK4NADGMP
— ANI (@ANI) November 9, 2018
वहीं इस बीच, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने राज्य सरकार से कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र पर उनका नाम शामिल नहीं करने का आग्रह किया है. हालांकि, परमेश्वर ने कहा कि हेगड़े का नाम पहले ही शामिल किया जा चुका है और अब यह उनके ऊपर है कि वह कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं, या नहीं. बीजेपी वर्ष 2016 से ही टीपू जयंती समारोह को लेकर विरोध कर रही है. उनके अनुसार टीपू कन्नड़ भाषा और हिंदू धर्म के विरोधी थे।