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तुर्की के राष्ट्रपति चुनाव में तय्यब एर्दोगान की जीत पक्की-मिला विपक्षी सबसे बड़े नेता का समर्थन

नई दिल्ली: तुर्की में आगामी राष्ट्रपति चुनाव का तय्यब एर्दोगान ने समय रहते हुए ऐलान कर दिया है जिसके कारण चुनावी हलचल शुरू होगई है,एर्दोगान ने तुर्की में जो विकास कार्य करे हैं और जिस प्रकार से तुर्की का दुनियाभर में नेतृत्व किया है उससे अंदाज़ा लगाया जारहा है कि एर्दोगान शानदार जीत हासिल करके तुर्की में रिकॉर्ड बनाएँगे।

2014 के राष्ट्रपति चुनाव में तय्यब एर्दोगान के सामने विपक्षी दलों के संयुक्त प्रत्याशी रहे अकमलउद्दीन अहसान ओलो ने जून में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में एर्दोगान का समर्थन करने और अपना वोट करने का ऐलान किया है।

अकमलउद्दीन तुर्की की बड़ी पार्टी मिल्ली हरकत पार्टी MHP के साँसद हैं जिन्होंने खुलेआम ऐलान किया है कि उनकी पार्टी आगामी चुनाव में अपना समर्थन तुर्की को और शक्तिशाली बनाने के लिये एर्दोगान को दिया है और वो अपना वोट एर्दोगान को करेंगे।

2014 में अकमलउद्दीन ने एर्दोगान के सामने चुनाव लड़ते हुए 38 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे और पहले राउंड में ही हार गए थे,जबकि उनका समर्थन CHP और MHP जैसी बड़ी पार्टी भी कर रही थी।

2014 के राष्ट्रपति चुनाव में एर्दोगान को 51.79 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे और अकमलुद्दीन अहसान दूसरे नम्बर पर रहे थे और सलाहुद्दीन को 9.76 प्रतिशत मत मिले थे।

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस बार एर्दोगान का ग्राफ इतना बढ़ा हुआ है कि कोई भी प्रत्याशी उनके सामने टिक नही पाएगा और क़रारी हार का सामना करेगा,क्योंकि एर्दोगान के जो 2023 को लेकर तुर्की को विश्व शक्ति बनाने वाले प्रोग्राम चल रहे हैं उसके लिये ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है।