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मणिपुर में जारी हिंसा तुरंत रोकने की ज़रूरत है, मणिपुर में हिंसा विभाजन, नफ़रत और गुस्से की राजनीति का परिणाम है : राहुल गांधी

मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को फिर से भाजपा सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि मणिपुर में जारी हिंसा परेशान करने वाली है। इसे तुरंत रोकने की जरूरत है। मणिपुर में हिंसा विभाजन, नफरत और गुस्से की राजनीति का परिणाम है। हिंसा की वजह से हुए घावों को भरने में कई साल लगेंगे। दुख और गुस्सा इतनी आसानी से दूर नहीं होगा।

सीडीएमसी की आधारशिला रखी
कोडेनचेरी में सेंट जोसेफ हाई स्कूल ऑडिटोरियम में सामुदायिक दिव्यांगता प्रबंधन केंद्र (सीडीएमसी) की आधारशिला रखने के बाद राहुल ने कहा कि इस केंद्र का लक्ष्य बच्चों को शीघ्र हस्तक्षेप, उपचार और पुनर्वास प्रदान करना होगा। यह मनोचिकित्सा, व्यवहार चिकित्सा, फिजियोथेरेपी प्रदान करेगा। मैं इस सुविधा के लिए सांसद निधि से 55 लाख रुपये देकर बहुत खुश हूं।

उन्होंने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से विकलांगता की अवधारणा पसंद नहीं है, क्योंकि मेरा मानना है कि हर एक व्यक्ति में कुछ अद्वितीय क्षमता होती है। यह अलग बात है कि समाज उन्हें वह क्षमता खोजने नहीं देता, लेकिन मेरा मानना है कि हर एक व्यक्ति में विशाल ताकत होती है।

अधीर बोले- शांति रैली आयोजित की जाए
इस बीच लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी से मणिपुर में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की अपील की। उन्होंने आग्रह किया कि पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा को समाप्त करने के लिए वहां एक शांति रैली आयोजित की जाए। हम इसमें शामिल होंगे।

उन्होंने एक टीवी शो पर बोलते हुए कहा कि हमने यह सुझाव सदन में लिखित रूप में भी दिया, लेकिन वे सहमत नहीं हुए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ उनकी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं है। यह सिर्फ राजनीतिक और वैचारिक है।

बंगाल हिंसा पर भी बोले अधीर
जब उनसे पूछा गया कि क्या पश्चिम बंगाल में अभी भी हिंसा हो रही है? उन्होंने जवाब दिया कि हां। कुछ भी ठीक नहीं है। हम जो करते हैं, स्थानीय स्तर पर करते हैं। इसका मतलब ये नहीं है कि सब ठीक है। तालाब और नदी के बीच एक अंतर है। मेरे लिए बंगाल एक तालाब है और भारत एक नदी है। मैं छींटाकशी से या किसी की पीठ पीछे बात नहीं करता।