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मुसलमान उर्दू टीचर के बेटे ने रचा इतिहास-10वीं में 100% प्रतिशत नम्बर लाकर किया बोर्ड को टॉप

“मेहनत इतनी ज़ोरदार होनी चाहिए कि सफलता शोर मचा दे” इस फिल्मी जुमले को रियल लाइफ़ में करने वाले को हीरो कहते हैं,स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अधिकतर बस पास होने के लिये पढ़ते हैं,लेकिन एक ऐसा छात्र जिसने 625 में से 624 अंक लाकर अपनी कॉपी दुबारा चेक कराई और भारत में इतिहास रच दिया है।

आज हमारे सामने उज़ हीरो का नाम है मोहम्मद कैफ जो पहले 625 में से 624 अंक लाकर संयुक्त टॉपर बने थे,लेकिन उन्हें इस बुलन्दी पर अकेले ही दिखना था,सितारों के बीच चाँद की तरह चमकना था उन्होंने री-चेकिंग करवाई और दोबारा कॉपी चेक करवाने के बाद उन्हें 625 में से 625 अंक मिले हैं।

बता दें कि विज्ञान में उनका एक नंबर कम था और अब वह कर्नाटक बोर्ड के अकेले टॉपर हैं. इससे पहले वे संयुक्त टॉपर थे. कैफ 13 लाख विद्यार्थियों में से अकेले ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने पूरे अंक हासिल किए हैं. समाचार वेबसाइट क्विंट के अनुसार कैफ सिविल सेवा में जाना चाहते हैं और उन्होंने 11वीं कक्षा में साइंस लेने का फैसला किया है।

उनके पिता हारुन राशिद मुल्ला, उर्दू और उनकी मां परवीन मुल्ला, कन्नड़ की टीचर हैं. एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में मुल्ला ने कहा है कि वो सभी विषयों में पूरे अंक लाने के लिए आश्वस्त थे. उन्होंने बताया, ‘पेपर में जवाब देने के बाद मैंने मेरे लिखे हुए जवाबों की मेरे टीचर, नोट बुक और मॉडल आंसर शीट से पुष्टि की थी और मेरे सभी जवाब सही थे. पहले मुझे 624 मार्क्स मिले थे, लेकिन री-चेक के बाद रिजल्ट मेरी उम्मीद के अनुसार है।

इस कामयाबी पर कैफ के माता पिता रिश्तेदार बहुत ज़्यादा खुश हैं,इसके साथ ही हर तरफ से कैफ को मुबारकबाद देने वालों का तांता लगा हुआ है,मुस्लिम समाज में शिक्षा की कमी का ताना देने वालों के लिये मोहम्मद कैफ एक जीती जागती मिसाल हैं।