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ये मामला महज़ बाल विवाह का नहीं, उसकी ख़रीद-फ़रोख्त और ”असली वजूद” से जुड़ा है : पढ़िए, पूरी रिपोर्ट..…

रात के अंधेरे में सजे मंडप की अग्नि पर शादी की रस्में पढ़ी जा रही हैं। दूल्हे की उम्र 28 साल है, लेकिन चेहरा ढक कर बैठाई गई दुल्हन एक मासूम बच्ची है, जिसकी उम्र महज 7 साल है।

धौलपुर के मनिया थाना क्षेत्र में एक झोपड़ी में गुपचुप तरीके से हुई इस शादी की 2 दिन बाद जब पुलिस को भनक लगी तो तहलका मच गया। पुलिस रेड मारने पहुंची तो दुल्हन बनी 7 साल की मासूम के हाथ-पैर मेहंदी से सजे थे, पैरों की अंगुलियों में बिछुए थे लेकिन शादी से अनजान वो मोबाइल में गेम खेल रही थी।

ये मामला महज बाल विवाह का नहीं, उसकी खरीद-फरोख्त और असली वजूद से जुड़ा है। बच्ची को पैसों के लालच में 4.50 लाख रुपए में बेचा गया था। मासूम ने पुलिस को बताया कि 65 साल के बुजुर्ग उसे अपने पास रखा था। उस बुजुर्ग के पास बच्ची कहां से कहां से आई? असली मां-बाप कौन हैं? क्या किसी तस्करी रैकेट से इसके तार जुड़े हैं?

इन सवालों के जवाब ढूंढने भास्कर टीम धौलपुर के बिछौला और बिरजापुर गांव पहुंची। लोगों में आक्रोश होने के कारण हम पुलिस टीम के साथ वहां तक पहुंचे।

पढ़िए, पूरी रिपोर्ट..…

धौलपुर से करीब 20 किमी दूर बिरजापुर गांव है। हम मांगरोल होते हुए कच्चे रास्ते से बिरजापुर गांव पहुंचे। हमारी गाड़ी गांव से पहले ही एक खेत में दाखिल हुई, जहां दो-तीन मकान बने हुए थे। इन्हीं में से एक कच्चा-पक्का से मकान में हमें 7 साल की मासूम से शादी करने वाले दूल्हे भूपाल की मां मिली।

हमने पूछा कि 7 साल की बच्ची की 28 साल के युवक से शादी कर दी तो वह बोली कि मेरे कर्म फूट गए थे जो शादी कर दी। मुझे फोटो नहीं दिखाई थी। नहीं तो हम शादी नहीं करते। बिचौलिया ढेवा ने धोखे में रखा और 4.50 लाख रुपए लेकर शादी करवाई थी। हमें तो बाद में पता चला कि उसकी उम्र ही 7 साल है। फिर हमारी मजबूरी हो गई। उस बच्ची को घर नहीं लाते तो कहां छोड़ते।

खुद की बेटियों की बालिग उम्र में शादी, बेटे के लिए खरीदी नाबालिग दुल्हन

दूल्हे की मां ने बताया कि मेरे तीन लड़के हैं और तीन लड़कियां। तीनों लड़कियों की शादी भी सयानी (बालिग) होने पर ही करवाई थी। बच्ची 7 साल की है पहले फोटो दिखा कर बता देते तो शादी नहीं करती। दलाल को रुपए दे दिए थे तो मजबूरी में करनी पड़ी थी। कोल्हू में पिसवा देना अगर मैं झूठ बोल रही हूं। फिर हाथ जोड़ कर माफ मांगने लगी। बोली मेरी कोई गलती नहीं है।

पुलिस को पता नहीं चले, इसलिए चुना सुनसान झोपड़ा

हम बिछौला गांव भी पहुंचे जहां मासूम की शादी करवाई गई थी। खेतों के बीच बनी कच्ची पगडंडी से होते हुए हम पुलिस टीम के साथ वहां पहुंचे। पुलिस ने भी झोपड़े का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाई। आसपास के लोगों ने बताया कि इस रास्ते पर कम ही लोग आते हैं। ये पूरी तरह सुनसान है।

झोपड़े के पास एक पुराना ट्रैक्टर भी खड़ा हुआ था। एक टयूबवैल लगा हुआ था। झोपड़े के अंदर दो खाट (चारपाई) रखी थी। सफेद रंग का तिरपाल बनाकर भूसा भर रखा था। इसी झोपड़े के अंदर मंडप लगा रखा था। गांव के कुछ युवकों ने बताया कि 5 दिनों पहले यहां काफी लोग आए थे। शादी जैसा फंक्शन था, लेकिन दुल्हन 7 साल की होगी इसके बारे में कोई नहीं जानता था।

5 साल पहले मासूम को दिल्ली से लाए

मनिया डीएसपी दीपक खंडेलवाल ने बताया कि दूल्हे भूपाल और उसके पिता महेंद्र को गिरफ्तार कर पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। जांच में पता लगा कि 7 साल की बच्ची को 5 साल पहले उसी गांव का रामभरोसी लेकर आया था। रामभरोसी किसी काम से दिल्ली गया हुआ था। दिल्ली में बस स्टैंड पर उसकी मुलाकात एक महिला से हुई। उसकी गोद में 2 साल की बच्ची थी। महिला ने रामभरोसी से पैसों की मदद करने के लिए कहा। रामभरोसी की शादी नहीं हुई थी। इसीलिए वह उस महिला को अपने साथ दिल्ली से धौलपुर अपने गांव बिछौला में लेकर आ गया था।

मध्यप्रदेश के झांसी की रहने वाली बिछौला गांव में ही रामभरोसी की पत्नी बनकर वहां रहने लगी। लेकिन 6 महीने के बाद वह महिला बच्ची छोड़ कर बिना बताए कहीं चली गई। ढूंढने के बाद भी महिला का कुछ पता नहीं लगा। तब रामभरोसी ने 2 साल की उस बच्ची को अपने छोटे भाई सुल्तान के पास पालन-पोषण के लिए छोड़ दिया। सुल्तान के पहले से एक लड़की और दो लड़के थे। 2 साल की मासूम को उसने ही पाल-पोसकर बड़ा किया। लेकिन पैसों के लालच में अब उसी बच्ची को 4.5 लाख में बेच दिया।

मर्डर में जेल काट चुका परिवार, नहीं हो रही थी शादी

भूपाल (28) का परिवार मूल रूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला है। उसके पिता महेंद्र और परिवार के कई लोग मध्यप्रदेश में एक युवक की हत्या के जुर्म में जेल काट चुके हैं। सजा पूरी होने के बाद पूरा परिवार कुछ साल पहले धौलपुर के बिरजापुर गांव में आकर बस गया था। मर्डर के चार्ज होने के कारण ही भूपाल की शादी नहीं हो पा रही थी। पिता महेंद्र ने शादी के लिए दलाल ढेवा से बात की।

ढेवा को पता था कि सुल्तान के पास एक बच्ची है। उसने शादी के लिए सुल्तान को 4.50 लाख रुपए का लालच देकर बच्ची का सौदा कर लिया। डील में दलाल ढेवा के साथ बच्ची को दिल्ली से लाकर सुल्तान को सौंपने वाला रामभरोसी भी शामिल हो गया। तीनों ने तय किया कि दलाली की रकम तीन हिस्सों में बांट लेंगे।

चुपके से बाइक पर पहुंची बारात और दूल्हा

सुल्तान ने दूल्हे भूपाल के पिता महेंद्र से सबकुछ पहले से तय कर लिया था कि 21 मई की रात शादी किसी सुनसान जगह पर होगी। किसी को भनक नहीं लगे इसलिए ज्यादा शोर शराबा भी नहीं होगा। सुल्तान, रामभरोसी और बिचौलिया ढेवा अपने जानकारों के साथ पहुंच गए और शादी की सारी व्यवस्था की।

बिरजापुर गांव से दूल्हा भूपाल और उसके पिता महेंद्र ने पहले से ही सारी तैयारी कर ली थी। उसने अपनी बहन-बेटियों के साथ कुछ रिश्तेदारों को बुला लिया था। किसी को शक नहीं हो इसलिए बिरजापुर गांव से दूल्हा और बाकी बाराती बाइक पर ही उस झोपड़े तक पहुंचे।

शादी के बाद मासूम से रस्में भी पूरी कराई

जैसे ही अंधेरा हुआ पंडित को बुलवाकर शादी कराई गई। 7 साल की मासूम को दुल्हन के कपड़े पहना कर फेरे कराए गए। रामभरोसी और सुल्तान ने ही दूल्हे के हाथ में मासूम का हाथ थमा कर कन्यादान किया था।

पुलिस को ऐसे कई सारे वीडियो मिले हैं जिनमें पूरी शादी को रिकॉर्ड किया गया है। बाराती बनकर आए कुछ युवकों ने भी शादी के वीडियो अपने मोबाइल में बनाए थे। पुलिस ने बहुत वीडियो सबूत के तौर पर जुटाए हैं। भास्कर को भी शादी के ऐसे ही वीडियो मिले हैं।

शादी वाले घर में हुई रस्में, मासूम से करवाया डांस

शादी के बाद घर पहुंचने पर दुल्हन का स्वागत किया गया। सारी रस्में दूल्हे के गांव बिरजापुर में उसके घर पर पूरी की गई थी। शादी संपन्न होने का जश्न भी मनाया गया था। डीजे की धुनों पर दुल्हन बनी मासूम बच्ची को भी नचाया गया।

पुलिस ने बताया कि जिस बच्ची को दुल्हन बनाकर रस्में करवाई गई, उसे नहीं मालूम कि उसकी शादी हो चुकी है और इसका मतलब क्या है। जो वीडियो मिले हैं, उनमें सास और ननद उसे दूल्हे के साथ बैठाकर पूरी रस्में करवाते हुए नजर आ रही हैं। वहां आने के बाद भी वह बच्चों के साथ खेल रही थी।

शादी के दो दिन बाद पूरा खुलासा हुआ

21 मई को शादी होने के बाद दो दिनों तक मासूम घर पर ही रही थी। मनियां डीएसपी दीपक खंडेलवाल काे 23 मई की सुबह करीब 9 बजे मुखबिर से सूचना मिली कि बिरजापुर गांव में एक बाल विवाह करवाया गया है। इनपुट मिलते ही डीएसपी खंडेलवाल बिरजापुर गांव में पुलिस टीम के साथ पहुंचे। एक-एक मकान को सर्च कराया गया। लेकिन गांव में लड़की का कुछ पता नहीं लगा।

पैदल-पैदल गांव के बाहर खेतों में बने मकानों में पुलिस पहुंची तो वहां अफरा-तफरी का माहौल देखकर ही पुलिस समझ गई। दोपहर करीब दो बजे एक मकान के बाहर दो-तीन बच्चे खेलते हुए मिले। वहीं पर 7 साल की बच्ची मोबाइल पर गेम खेलते हुए मिली। उसके हाथ और पैरों में मेहंदी लगी हुई थी। मेहंदी लगी होने से बच्ची की पहचान हुई। पुलिस ने मासूम को बरामद कर मकान की तलाशी ली।

घर की महिलाएं बोली- हमने पैसे देकर बच्ची को खरीदा

महिलाओं ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि हम तो बच्ची को खरीद कर लाए थे फिर शादी करवाई है। हमारी क्या गलती है। हमने कोई काम गलत नहीं किया है। पुलिस बच्ची को लेकर धौलपुर आई और बाल कल्याण समिति के पास पेश किया। वहां से चिल्ड्रन होम भेज दिया गया।

डीएसपी दीपक ने अगले दिन रात को गांव में दोबारा से दबिश दी। तब पुलिस ने दूल्हा भूपाल और उसके पिता महेंद्र को भी गांव के बाहर से ही पकड़ लिया था। दोनों परिवार के साथ भागने की फिराक में थे। पूछताछ में पता लगा कि भूपाल जेसीबी पर ड्राइवर का काम करता है। उसका पिता खेती करता है। इससे एक दिन पहले पुलिस ने रामभरोसी को गिरफ्तार कर लिया। अभी मासूम को बेचने वाला सुल्तान और दलाल ढेवा फरार है। नाबालिग की शादी करवाने में शामिल बाकी लोगों की भी तलाश जारी है।

मासूम बोली : मेरे पापा का नाम सुल्तान

मासूम बच्ची से पुलिस ने पूछा कि बेटा पापा का नाम क्या है और कहां पर है तो बोली कि मेरे पापा का नाम सुल्तान है। वो काम से बाहर गए हैं। पिछले 5 साल से बच्ची सुल्तान के साथ ही घर पर रहती थी और उसके बच्चों के साथ खेलती थी। मासूम बच्ची को अपने परिवार और पिता की असलियत के बारे में कुछ पता नहीं है।

यहां तक कि मां के बारे में कुछ नहीं जानती है। पुलिस को पहले लगा कि मासूम का पिता सुल्तान है और गरीबी के कारण बेटी को पाल नहीं पाने के कारण बेच दिया है। जब पुलिस को हकीकत का पता लगी तो सुनकर हैरान रह गए।

इस बच्ची को 5 साल पहले दिल्ली से लेकर आए थे। बच्ची का असली नाम भी ऐसा था जो बीहड़ों में नहीं रखा जाता है। इस आधार पर पुलिस का मानना है कि बच्ची दिल्ली में किसी अच्छे परिवार की ही होगी। उस मासूम का असली परिवार कहां, ये अभी तक बड़ा सवाल बना हुआ है।

ये हुए गिरफ्तार

इस मामले में अभी तक पुलिस आरोपी दूल्हे भूपाल (28), उसके पिता महेन्द्र सिंह (73) और रामभरोसी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी, बाल विवाह और पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।

धौलपुर
लेखक: विक्रम सिंह सोलंकी
सोर्स : भास्कर