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147th day of #GAZA_GENOCIDE : monday को हो सकता है ग़ाज़ा में #युद्धविराम का ऐलान, #रूस और #तुर्की बने गारंटर, नेतन्याहू की कुर्सी जाएगी : रिपोर्ट

कई इस्राईली सैन्य ठिकानों पर हिज़्बुल्लाह के ताबड़तोड़ मिसाइल हमले

ग़ज़ा युद्ध के दैरान, जवाबी कार्यवाही करते हुए हिज़बुल्लाह ने 1948 के ज़ायोनी शासन के क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में ज़ायोनी सैन्य ठिकानों पर कई बड़े हमले किए हैं।

लेबनान के अल-मयादीन टेलीविज़न ने हिज़बुल्लाह के एक संक्षिप्त बयान के हवाला से कहा है कि इस्लामी प्रतिरोधी संगठन ने शुक्रवार देर रात ख़िरबित मार बेस पर सतह से सतह पर मार करने वाले दो फ़लक मिसाइल दाग़े जो सटीक रूप से निर्धारित लक्ष्यों पर जाकर लगे।

हिज़बुल्लाह लड़ाकों ने कफ़र हिल्स में रुवैसत अल-आलम सैन्य ठिकाने में इस्राईली सैनिकों की एक सभा को भी निशाना बनाया, जिसमें कई सैनिकों के हताहत होने के समाचार हैं।

इसके अलावा, लेबनानी प्रतिरोधी समूह ने अल-मेनारा सैन्य स्थल के पास तैनात ज़ायोनी बलों को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप कई सैनिक घायल हो गए।

हिज़्बुल्लाह ने अन्य सैन्य ठिकानों पर भी रॉकेट बरसाए और ज़ायोनी सैनिकों में दहशत बैठा दी।

अमरीका ने सुरक्षा परिषद में ग़ज़ा नरसंहार पर इस्राईल की भर्त्सना का प्रस्ताव रोका

अमरीका ने एक बार फिर ग़ज़ा में भयानक नरसंहार के मामले में इस्राईल का साथ दिया है और सुरक्षा परिषद से मानवीय सहायता का इंतेज़ार करने वाले फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार के मामले में ज़ायोनी शासन की निंदा का प्रस्ताव पास नहीं होने दिया।

भर्त्सना का बयान अलजीरिया ने ड्राफ़्ट किया था जिसके समर्थन में 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद में 14 वोट पड़े।

संयुक्त राष्ट्र संघ में फ़िलिस्तीन के राजदूत रियाज़ मंसूर ने कहा कि केवल अमरीका था जिसने इस बयान का विरोध किया।

इस भयानक नरसंहार के बाद अलजीरिया ने सुरक्षा परिषद की अपात बैठक बुलाई थी। अमरीका ने भर्त्सना का बयान रोक दिया और भ्रामक बयान दिया कि ज़मीन पर मौजूद सारे तथ्यों की जानकारी हमारे पास नहीं है और यह समस्या है।

संयक्त राष्ट्र संघ में अमरीका के उप राजदूत राबर्ट वुड ने कहा कि हमारे पास पूरी जानकारी नहीं है।

फ़िलिस्तीन के समर्थक गाल्वे पहुंचे ब्रिटेन की संसद,

ब्रिटेन में फ़िलिस्तीनियों का समर्थन करने वाले एक चर्चित नेता जार्ज गाल्वे, इस देश की संसद में पहुंचे हैं।

एक और ब्रिटेन जहां पर अवैध ज़ायोनी शासन का खुला समर्थक है वहीं पर इस देश की संसद में फ़िलिस्तीन के किसी समर्थक का पहुंचना लंदन के लिए कोई शुभ संकेत नहीं है।

ब्रिटेन के मंझे हुए वामपंथी नेता जार्ज गाॅलवे, मध्यावधि चुनाव जीत गए हैं। अपने चुनावी प्रचार में ब्रिटेन के इस नेता ने ग़ज़्ज़ा के समर्थन को प्रमुख मुद्दा बनाया था। वे ब्रिटेन के राचडेल नगर से चुनाव जीते हैं जहां के 20 प्रतिशत मतदाता मुसलमान हैं। उन्होंने सत्ताधारी दल द्वारा इस्राईल के समर्थन की आलोचना करते हुए ग़ज़्ज़ा के समर्थन में अपना कंपेन चलाया और चुनाव में विजयी हो गए। चुनाव जीतने के बाद जाॅर्ज गालवी ने ब्रिटेन की लेबर पार्टी के नेता को संबोधित करते हुए कहा कि यह ग़ज़्ज़ा के लिए है।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि केर स्टारमर और ऋषि सुनक दोनों ही एक सिक्के के दो रूप हैं। गाॅल्वे का कहना था कि चुनाव में मेरी विजय उनके लिए एक अच्छा तमाचा है। ब्रिटेन ने अलअक़सा तूफान आपरेशन के बाद से ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनियों के अत्याचारों के संदर्भ में ग़ज़्ज़ा विरोधी नीति अपनाई है। जिस समय ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल ने हमला आरंभ किया था उस समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा था कि तेलअवीव को अपनी रक्षा का अधिकार है और हम उसके इस अधिकार का समर्थन करते हैं।

पश्चिम में जर्मनी के साथ ब्रिटेन, अवैध ज़ायोनी शासन का शुरू से समर्थक रहा है। लंदन की ओर से इस्राईल को हथियारों की आपूर्ति की जाती है जिनके माध्यम से वह ग़ज़्ज़ा में निर्दोष फ़िलिस्तीनियों का जनसंहार और जातीय सफाया कर रहा है। इसी बीच ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय ने इस्राईल के लिए हथियारों की सप्लाई पर रोक की मांग को अस्वीकार कर दिया है। मानवाधिकारों के बहुत से संगठनों के एक गठबंधन ने न्यायालय से ब्रिटेन की ओर से इस्राईल के लिए हथियारों के निर्यात को बंद करने की मांग की थी। उनका मानना है कि इन्ही हथियारों को ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध प्रयोग किया जा रहा है।

विशेष बात यह है कि ब्रिटेन की सरकार द्वारा इस्राईल के समर्थक के बावजूद वहां पर बहुत बड़े पैमाने पर फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं। लंदन के अतिरिक्त ब्रिटेन के कई नगरों में फ़िलिस्तीनियों के समर्थन और ग़ज़्ज़ा युद्ध को रुकवाने के लिए लगातार प्रदर्शन किये जाते रहे हैं। वहां पर सामान्यतः हर सप्ताह के अंत में यह प्रदर्शन किये जा रहे हैं। ब्रिटेन के भीतर फ़िलिस्तीनियों के समर्थन से वहां की सरकार चिंतित दिखाई दे रही है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक ने इस देश में फ़िलिस्तीनियों के समर्थन और ज़ायोनियों के विरोध में निकाले जाने वाले जूलूसों के बारे में कहा है कि अतिवादियों ने सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ दिया है। ऋषि सुनक ने जार्ज गालवे की चुनावी जीत पर चिंता जताते हुए कहा है कि इस प्रकार के लोग हमारे समाज से आशा और विश्वास को छीन लेना चाहते हैं।

ग़ज़ा में मानवीय सहयता के इंतेज़ार में खड़े फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार पर ज़ायोनी शासन की दुनिया भर में भर्त्सना

ज़ायोनी सैनिकों के हाथों ग़ज़ा में उन फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार की दुनिया भर में भारी निंदा हो रही है जो मानवीय सहायता के इंतेज़ार में खड़े थे कि इस्राईली सेना ने उन पर हमला कर दिया।

इस हमले में कम से कम 112 फ़िलिस्तीनी मौत की नींद सो गए जबकि 750 घायल हुए। यह घटना गुरुवार को हुई। यह लोग मानवीय सहायता से लदे ट्रकों के घेर कर खड़े थे कि अचानक ज़ायोनी सेना ने उन पर बमबारी कर दी।

कई एनजीओज़ और संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेषज्ञ कई बार आशंका जता चुका हैं कि पांच महीने से जारी जंग की वजह से ग़ज़ में फ़िलिस्तीनियों को भुखमरी का सामना है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस घटना के कड़ाई के साथ निंदा की और उसे हैरान कर देने वाली घटना बताया।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन इस घटना पर शाक्ड है और इसकी घोर निंदा करता है।

ईरान ने ग़ज़ा में जनसंहार पर अमरीका और यूरोपीय देशों की ख़ामोशी की भी कड़े शब्दों में निंदा की है।

फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने भी इस घटना की निंदा की और वास्तविक न्याय दिलाए जाने की मांग की।

सऊदी अरब ने भी निहत्थे आम नागरिकों के जनसंहार की निंदा की वहीं कुवैत और संयुक्त अरब इमारात ने भी कहा कि हम इस घटना की निंदा करते हैं।

क़तर ने चेतावनी दी कि इस्राईल को फ़िलिस्तीनियों के खूतन के लिए कोई सम्मान नहीं है और इससे हिंसा का दायरा और भी बढ़ेगा।

तुर्की ने कहा कि यह घटना साक्ष्य है कि इस्राईल सारे फ़िलिस्तीनियों को मिटा देने की मंशा रखता है।

स्पेन के विदेश मंत्री ने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता और इस प्रकार की घटनाओं से पता चलता है कि ग़ज़ा में संघर्ष विराम की कितनी भारी ज़रूरत है।

यूरोपीय संघ के विदेशी मामलों के चीफ़ जोज़ेप बोरेल ने कहा कि यह एक और त्रास्दी है।

इस्राईल के अपराधों का डटकर मुक़ाबला करेंगेः फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ता

फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधी गुटों ने संकल्प लिया है कि वे ज़ायोनी अत्याचारों के मुक़ाबले में पीछे हटने वाले नहीं हैं।

माॅस्को में आयोजित बैठक में भाग लेने वाले फ़िलिस्तीनी गुटों के नेताओं ने ज़ायोनी अपराधों के सामने डटे रहने का एलान किया है। इन गुटों ने एक संयुक्त बयान जारी करके ज़ायोनियों द्वारा ग़ज़्ज़ा में किये जा रहे अत्याचारों के मुक़ाबले में कड़े प्रतिरोध का आह्वान किया है।

अलमयादीन टीवी चैनेल के अनुसार फ़िलिस्तीन के हमास और फ़त्ह सहित कई प्रतिरोधी गुटों ने रूसी अधिकारियों द्वारा आयोजित माॅस्को बैठक में एक-दूसरे से भेंट करके ग़ज़्ज़ा की वर्तमान परिस्थतियों पर विचार-विमर्श किया।

फ़िलिस्तीन के एक प्रतिरोधी गुट फ़त्ह के प्रवक्ता हुसैन हमाएल ने इस बैठक का उद्देश्य, एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी देश के गठन के लिए प्रयास करना बताया। इस बैठक में रूस के विदेशमंत्री सरगेई लावरोफ़ ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के आधार पर एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी देश के गठन की मांग की।

रूस की राधजानी माॅस्को में फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधी गुटों की बैठक पर अमरीका की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। अमरीकी विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि ग़ज़्ज़ा में जारी झड़पों को समाप्त कराने में माॅसकों ने 7अक्तूबर 2023 से अबतक कोई भी सार्थक भूमिका नहीं निभाई है।

ग़ज़्ज़ा का जनसंहार, नया होलोकास्टःक्यूबा

क्यूबा के राष्ट्रपति ने ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार को नया होलोकास्ट बताया है।

मीगल डाएज़ कैनेल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि क्यूबा की जनता, फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार के प्रति उदासीन नहीं रहेंगे।

क्यूबा के राष्ट्रपति ने कहा कि फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में शनिवार को निकाली जाने वाली रैलियों में देश की जनता भाग लेगी। उन्होंने कहा कि अत्याचार बहुत हो चुके अब उनको रुकना चाहिए।

मीगल कैनेल के अनुसार वर्तमान समय में ग़ज़्ज़ा में जिस तरह से ज़ायोनियों के हाथों नरहंकार किया जा रहा है उसको देखते हुए तो ग़ज़्ज़ा एक जनसंहार स्थल में बल गया है। उनका कहना था कि हथियारों को एक किनारे रखा जाए और लोगों को बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। कोई भी काम ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार का औचित्य पेश नहीं कर सकता।

ग़ज़्ज़ा में तत्काल संघर्ष विराम के प्रस्ताव को अमरीका की ओर से वीटो किये जाने को क्यूबा के राष्ट्रपति ने इम्पीरियलिस्टिक पाखंड बताया। उन्होंने कहा कि अमरीका को अपना अलोकतांत्रिक रवैया बदलना चाहिए। याद रहे ग़ज़्जा में ज़ायोनियों के हाथों फ़िलिस्तीनियों के खुले जनसंहार पर पूरे विश्व से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बहुत से देशों में इसके विरुद्ध प्रदर्शन किये जा रहे हैं।

फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार ग़ज़्ज़ा में इस्राईल की ओर से किये जा रहे हमलों में अबतक लगभग 30 हज़ार फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं और लगभग 70 हज़ार घायल हैं। प्रभावितों में अधिक्तर बच्चे और महिलाएं हैं।

राहत सामग्री हासिल करने के लिए क़तार में खड़े फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार से दुनिया स्तब्ध

उत्तरी ग़ज़ा में राहत सामग्री हासिल करने के लिए क़तार में खड़े भुखमरी का शिकार फ़िलिस्तीनियों पर ज़ायोनी सैनिकों ने अंधाधुंध फ़ायरिंग करके 100 से भी ज़्यादा लोगों को शहीद कर दिया है।

राहत और मानवाधिकार संगठनों ने इसे एक जघन्य क़त्लेआम बताया है, जिसमें वह बेगुनाह लोग आरे गए हैं, जो भोजन के लिए कुछ सहायता मिल जाने का इंतज़ार कर रहे थे।

इस बीच, ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भुखमरी और कुपोषण से उत्तरी ग़ज़ा में 4 अन्य बच्चे शहीद हो गए हैं।

फ़िलिस्तीनी तरी ग़ज़ा में 4 अन्य बच्चे शहीद हो गए हैंर रहे थे। ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मीडिया ने स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है कि ज़ायोनी सैनिकों ने सहायता सामग्री हासिल करने का प्रयास करने वाली भीड़ पर गोलियां चलाई हैं। वहीं ज़ायोनी सेना के एक सूत्र ने दावा किया है कि सैनिकों को लगा कि उनकी जान जोख़िम में है, इसलिए उन्होंने भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं।

संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीनी राजदूत रियाज़ मंसूर का कहना है कि फ़िलिस्तीनी, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निष्क्रियता की क़ीमत चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग़ज़ा में जिस भीड़ पर इस्राईली सैनिकों ने गोलियां चलाई हैं, उनके सिरों में गोलियां लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोई भ्रम पैदा होने की स्थिति में हवाई फ़ायरिंग की गई है, बल्कि यह गोलियां जानबूझकर लोगों की जान लेने के लिए चलाई गई हैं। सुरक्षा परिषद में युद्ध विराम के प्रस्ताव को वीटो किए जाने और उसकी निष्क्रियता के कारण, फ़िलिस्तीनियों को यह क़ीमत चुकानी पड़ रही है।

चीन ने सहायता वितरण के दौरान, 100 से भी ज़्यादा फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार की कड़ी निंदा की है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को कहा कि इस घटना से चीन स्तब्ध रह गया और वह इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है।

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस घनटा की निंदा करते हुए कहा है कि वह इस दुखद मानवीय नुक़सान से स्तब्ध हैं। यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने फ़िलिस्तीनियों की मौत की निंदा करते हुए कहा है कि यह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। तुर्की ने ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों को भूखा मारने की साज़िश की आलोचना करते हुए कहा है कि यह ज़ायोनी शासन का मानवता के ख़िलाफ़ एक अन्य अपराध है।

ग़ौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने इस्राईली सेना पर आरोप लगाया है कि वह व्यवस्थित रूप से पीड़ित फ़िलिस्तीनियों तक सहायता पहुंचने में रुकावट डाल रही है। वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ग़ज़ा पट्टी की कम से कम एक-चौथाई आबादी भुखमरी से सिर्फ़ एक क़दम दूर है।

गुरुवार की इस घटना से पहले भी मंगलवार को और उससे पहले ग़ज़ा में सहायता सामग्री लेने के लिए इकट्ठा होने वाले फ़िलिस्तीनियों पर इस्राईली सैनिकों ने गोलियां बरसाई थीं।

ग़ज़ा युद्ध को शुरू हुए क़रीब पांच महीने होने वाले हैं। इस युद्ध में ज़ायोनी सेना के हाथों 30,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं, जिनमें अधिकांश संख्या बच्चों और महिलाओं की है।

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh
#BREAKING!

#Hamas holds some prisoners, who are ‘without a price’! Get it? They include SOME HIGH RANKED officials and ONE BUSINESS MAGNATE! #Israel killed hostages but asked for THEIR release!

HAMAS SAID NO! First,
@netanyahu
should facilitate massive aid and food to #Gaza

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh
On the 147th day of the war, list of some #Palestinian resistance operations in #Gaza:
– Destruction of #IDF Merkava 4 tank with a “Saeer” missile east of Jabalia, north Gaza.
– Engaging in fierce clashes with IDF vehicles and soldiers using appropriate and various weapons.
– Shooting a #IDF drone in the southeast Gaza with a SAM 7 missile.
– Bombarding the gatherings of IDF in southeast Gaza City with mortar shells.

#Hezbollah
“गोरेन” और “ईलोन” #Israeli बस्तियों और #IDF से संबंधित “रमता” स्थल को निशाना बनाने वाले इस्लामी प्रतिरोध के अभियानों के दृश्य।
टिप्पणियाँ:
0:05 – “गोरेन” बस्ती को निशाना बनाना [फलक मिसाइलों के साथ] – 29-02-2024 0:26 – “एलोन” बस्ती को निशाना बनाना [कत्यूषा रॉकेट के साथ] – 29-02-2024 0:53 – “रमता” साइट को लक्षित करना – 27-02-2024

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh
#Israeli media: February alone, #Hezbollah hit 570 settler houses in northern #Israel. They fired 668 rocket shells, 91 anti-armor missiles, and 21 heavy missiles.

#इज़राइली मीडिया: अकेले फरवरी में, #हिज़बुल्लाह ने उत्तरी #इज़राइल में 570 बसे हुए घरों पर हमला किया। उन्होंने 668 रॉकेट गोले, 91 एंटी-आर्मर मिसाइलें और 21 भारी मिसाइलें दागीं।

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh

#Breaking!
@netanyahu
और #IDF ने शायद #Gaza के 134 बंधकों में से 70 को मार डाला है, जिसमें #Netanyahu का दोस्त भी है (तस्वीर)। मकसद: बंधकों की सुरक्षा कर रहे #Hamas लड़ाकों को ख़त्म करना! यह #Israel द्वारा प्रचलित Hanibal सिद्धांत है: अपनो को मारो गर वो रास्ते मे आयें!

@Misra_Amaresh
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#Breaking!
@netanyahu
और #IDF ने शायद #Gaza के 134 बंधकों में से 70 को मार डाला है, जिसमें #Netanyahu का दोस्त भी है (तस्वीर)। मकसद: बंधकों की सुरक्षा कर रहे #Hamas लड़ाकों को ख़त्म करना! यह #Israel द्वारा प्रचलित Hanibal सिद्धांत है: अपनो को मारो गर वो रास्ते मे आयें!

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh
Mar 1
अल-ज़ायतौन, #Gaza वाकई
#IDF का कब्रिस्तान!

स्रोत: भारी नुकसान सहने के बाद, IDF अल-ज़ायतौन पड़ोस से हट रहा है। जहां भयंकर युद्ध हुए, IDF टैंकों का मलबा कई मोर्चों पर फैला हुआ है। IDF सैनिकों का बहुत सारा खून और सैन्य कपड़े, सड़कों और घरों में फैले हुए हैं!