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बैठी हूं ख़ामोशियां ओढ़कर बस इंतज़ार तेरा है : प्राची मिश्रा की रचना पढ़िये
Prachi Mishra ============== बैठी हूं खामोशियां ओढ़कर बस इंतजार तेरा है आ भी जाओ वो कहानियां लेकर जिन किस्सों में हक बस मेरा है तुम न आए तो ये रात कैसे ढलेगी कैसे आएगी सुबह,कब तक शमा ये जलेगी आ भी जाओ ओस की डोलियां लेकर तुमसे रात तुम्हीं से मेरा सवेरा है बात की […]
आख़िर क्या हुआ था रचना को ?
Surendra Kalyana Nokha =================== आखिर क्या हुआ था रचना को ? बाज़ार में इस बारे में कई लोगों ने पूछा पर रामदास ने हाथ हिला दिया और ठेले को तेजी से धकेलता हुआ आगे चला गया। ठेले पर उसकी बेटी रचना बैठी थी। उसके माथे से खून निकल रहा था। रामदास बेटी को जल्दी से […]
हम जानते हैं कि हम क्या हैं, पर यह नहीं जानते कि हम क्या बन सकते हैं,,,,By-लक्ष्मी सिन्हा
Laxmi Sinha ============= · जितना ज्यादा हम पीते हैं, उतने ही प्यासे होते जाते हैं। हम जानते हैं कि हम क्या हैं, पर यह नहीं जानते कि हम क्या बन सकते हैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,। दुनिया में पहला बड़ा काम है अपने आपको जानना। दूसरा बड़ा काम है दिशा _ परिवर्तन। दिशा को बदलना बड़ा काम है। आदमी […]