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आज बुढ़ापे से हार गया
किसी गाँव में एक बूढ़ा व्यक्ति अपने बेटे और बहु के साथ रहता था । परिवार सुखी संपन्न था किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी । बूढ़ा बाप जो किसी समय अच्छा खासा नौजवान था आज बुढ़ापे से हार गया था, चलते समय लड़खड़ाता था लाठी की जरुरत पड़ने लगी, चेहरा झुर्रियों से भर […]
मनुष्य को यदि जीवन में सफ़ल होना है तो उसे अपने विचारों को सशक्त बनाना होगा : लक्ष्मी सिन्हा का लेख!
Laxmi Sinha ============== मनुष्य की नियति उसके विचारों की दशा-दिशा से निर्धारित होती है। ऐसा इसलिए,क्योंकि जैसी विचार होंगी,कर्म भी उसी दिशा में होंगी और जिस दिशा में कर्म होंगी, परिणाम भी उसके अनुरूप ही प्राप्त होंगी। यही कारण है कि मनुष्य जैसा सोचता- विचारता है वह वैसा ही बनता जाता है। इसलिए सोच सही […]
अधूरेपन में जो ख़लिश है, सच्चे इश्क़ की वो तपिश है…By-रीमा सिन्हा ‘संवेदना
रीमा सिन्हा ‘संवेदना ============ अधूरेपन में जो ख़लिश है, सच्चे इश्क़ की वो तपिश है। हाल पर हँसता है ज़माना, ज़माने की हमसे रंजिश है। ख़्वाब से पूरी होती खुशियां, हक़ीक़त की अपनी बंदिश है। अधूरा तो हर कोई है दुनियां में, अधूरापन पूर्णता की कोशिश है। पूरे होकर रुक जायेंगे राह में, अधूरापन क़ल्ब […]