साहित्य

लघुकथा….*क्या हम अपने बच्चों को कुछ भी नहीं कह सकते*…By-लक्ष्मी कुमावत

Laxmi Kumawat ============= लघुकथा *क्या हम अपने बच्चों को कुछ भी नहीं कह सकते* दो दिन पहले एक बड़ा ही दुखद वाक्या हुआ। परीक्षाओं का सीजन चल रहा है। बच्चों को पढ़ाई पर पूरा ध्यान हो, इस कारण एक पिता ने ऑफिस जाने से पहले अपनी दोनों बेटियों से कहा, ” बेटा अब तुम्हारे एग्जाम्स […]

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ये कहानी नही सच्ची घटना है….!!…बहु तुम कहीं जा रही हो?

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =========== ये कहानी नही सच्ची घटना है….!! तुम अब मायके कभी नहीं जाओगी…!! अब तुम मायके नहीं जाओगी। कभी भी नहीं। घर में रहो और अपना घर संभालो। अब इस मुद्दे पर मैं दोबारा कोई बात नहीं करना चाहता ” मयंक ने माधवी से दो टूक बात की और अपने ऑफिस रवाना […]

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*पत्नी तब तक ही देवी है जब तक पति देवता है वरना तो वो किसी रणचंडी कम नही*

Laxmi Kumawat ========== * पत्नी तब तक ही देवी है जब तक पति देवता है वरना तो वो किसी रणचंडी कम नही * शाम के सात बज चुके थे। आज पड़ोस वाली शालू के घर से जोर जोर से आवाजें आ रही थी। लेकिन ये आवाज हर रोज की आवाज से अलग थी। कुछ तो […]

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ज्योति हाट बाज़ार से सब्ज़ी ख़रीद कर घर लौटी तो देखा….

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =================== स्पेशल पोस्ट फोर ज्योति गर्ग….!! Jyoti Garg ज्योति हाट बाजार से सब्जी खरीद कर घर लौटी तो देखा घर में काफी शांति पसरी हुई थी। दोनों बच्चे चुपचाप बरामदे में बैठे अपनी पढ़ाई कर रहे थे। रोज धमा चौकड़ी मचाने वाले उसके पाँच और तेरह साल के बेटे चुपचाप बैठकर पढ़ाई […]

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* सासु मां बुरा मान जाएंगी *…… By – लक्ष्मी कुमावत

Laxmi Kumawat ================== * सासु मां बुरा मान जाएंगी * वृंदा की शादी हुए अभी तीन महीने ही हुए थे, पर बहुत जल्दी ही उसने घर को और घरवालों को अपना लिया था। साथ ही साथ वह घर के लोगों की नई-नई आदतों से भी वाकिफ हो रही थी। वृंदा के ससुराल में उसके साथ […]