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”ऐसे नमाज़ियों के लिये जहन्नुम है जो अपनी नमाज़ से बेख़बर हैं और दिखलाने के लिये पढ़ते है”
Razi Chishti ============= अल्लाह सु.हू.त. ने फ़रमाया कि जब नमाज़ ख़त्म हो चुके तो ज़मीन पर फैल जाओ और अल्लाह ने जो नेअमतें तुमको दी हैं उन्हे तलाश करो और अल्लाह को याद करते रहो(62:10) देखें इबादत करना और ज़रूरियाते ज़िंदगी को हासिल करना और अल्लाह को याद करना, अल्लाह सु.हू.त. ने फर्ज़ क़रार दिया […]
तौहीद और शिर्क : सूरए साद आयतें 26-28 : पार्ट-51
सूरए साद आयतें 26-28 يَا دَاوُودُ إِنَّا جَعَلْنَاكَ خَلِيفَةً فِي الْأَرْضِ فَاحْكُمْ بَيْنَ النَّاسِ بِالْحَقِّ وَلَا تَتَّبِعِ الْهَوَى فَيُضِلَّكَ عَنْ سَبِيلِ اللَّهِ إِنَّ الَّذِينَ يَضِلُّونَ عَنْ سَبِيلِ اللَّهِ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِيدٌ بِمَا نَسُوا يَوْمَ الْحِسَابِ (26) इस आयत का अनुवाद हैः “ऐ दाऊद! हमने धरती में तुम्हें ख़लीफ़ा (उत्तराधिकारी) बनाया है। अतः तुम लोगों के […]
तौहीद और शिर्क : सूरए साफ़्फ़ात आयतें 133-138 : पार्ट-42
सूरए साफ़्फ़ात आयतें 133-138 وَإِنَّ لُوطًا لَمِنَ الْمُرْسَلِينَ (133) إِذْ نَجَّيْنَاهُ وَأَهْلَهُ أَجْمَعِينَ (134) إِلَّا عَجُوزًا فِي الْغَابِرِينَ (135) ثُمَّ دَمَّرْنَا الْآَخَرِينَ (136) इन आयतों का अनुवाद हैः और निश्चय ही लूत भी रसूलों में से थे (37:133) याद करो, जब हमने उन्हें और उनके सभी लोगों को बचा लिया, (37:134) सिवाय एक बुढ़िया के, […]