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💃💃💃स्त्री की परिभाषा💃💃💃-सीताराम “पथिक” की रचना पढ़िये!
Sitaram Pathik =============== 💃स्त्री की परिभाषा💃 🌻🌹💚🪔💚🌹🌻 किसी ने उजली आशा लिख दी, किसी ने घोर निराशा लिख दी। जिसने जैसा चाहा जग में, स्त्री की परिभाषा लिख दी। लिखने वालों ने स्त्री मन, एक बार भी झांक न देखा, पुरुषों ने तो अपने मन की, सारी बस अभिलाषा लिख दी। इस समाज ने एक […]
वह अपना सामान लेकर अंदर आ गयी फिर
Pratilipi Hindi ========== कामना ने एक छोटे किंतु खूबसूरत घर का दरवाजा खटखटाया, एक औरत खोलते हुए बोली, “जी, कहिये!”” क्या मैं एक पेइंग गेस्ट के तौर पर रह सकती हूँ?” ” अकेली हो!” औरत ने पूछा।” हाँ पढ़ने आयी हूँ, कॉलेज यहां से पास पड़ेगा इसलिए!”औरत उसे ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोली, […]
हम चाहते कुछ और हैं, होना कुछ और चाहिये, होता कुछ और है। जैसे सब गड्डमगड्ड है….By-सर्वेश तिवारी श्रीमुख
Sarvesh Kumar Tiwari ============ और अंततः एक बरस और बीत गया। बीतता साल यदि राम के बनवास की तरह बीत जाय तो क्या बात हो, पर जीवन बीतता दशरथ की आयु की तरह ही है। यूँ ही चलते चलते पता चलता है कि हाथ से कुछ पल और सरक गए… ‘बिहारी’ मेरे प्रिय कवि हों, […]