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प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं में आत्महत्या पर किया मज़ाक़ : प्रियंका गांधी ने लिखा-युवाओं में अवसाद और आत्महत्या जैसा विषय हंसने वाली बात नहीं!

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सुसाइड नोट पर किए मजाक को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने प्रधानमंत्री का एक वीडियो भी साझा किया है, जहां वह एक चुटकुला सुना रहे हैं, जिसमें एक युवती अपने प्रोफसर पिता के नाम चिट्ठी छोड़ जाती है कि वह आत्महत्या करने जा रही है।

अवसाद को लेकर जागरूक होना जरूरी

प्रियंका गांधी ने वीडियो के साथ लिखा कि युवाओं में अवसाद और आत्महत्या जैसा विषय हंसने वाली बात नहीं है। साथ ही उन्होंने उन लोगों पर भी निशाना साधा है जो पीएम के चुटकुले पर ठहाके लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के असंवेदनशील लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का उपहास करने के बजाय खुद को बेहतर ढंग से शिक्षित करना चाहिए और दूसरों को भी ऐसे मुद्दों के प्रति जागरूक करना चाहिए।

आंकड़ों का दिया हवाला

उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2021 में एक लाख 64 हजार 33 भारतीयों ने आत्महत्या की है। इसमें से एक बड़ा प्रतिशत 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों का था।

राहुल गांधी ने भी किया वार

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पीएम पर वार किया। उन्होंने कहा कि हजारों परिवार अपने बच्चों को आत्महत्या के कारण खो देते हैं उन्हें इस बात को लेकर मजाक नहीं बनाना चाहिए।

यह है मामला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में शामिल होते हुए हल्के-फुल्के मूड में जोक सुनाया था। उन्होंने बताया कि यह चुटकुला हम बचपन से सुनते आए हैं। एक प्रोफसर थे। उनकी बेटी ने आत्महत्या की, जो एक पत्र छोड़कर गई कि मैं जिंदगी से थक गई हूं। मैं जीना नहीं चाहती हूं, मैं कांकरिया में कूद कर मर जाउंगी। सुबह प्रोफसर ने देखा कि बेटी घर में नहीं है। ढूंढने पर उसके बिस्तर पर एक चिट्ठी मिली, जिसे पढ़कर प्रोफसर को गुस्सा आया।

वह सोचने लगे कि मैं प्रोफसर… मैंने इतने साल मेहनत की और मेरी लड़की अभी भी कांकरिया की स्पेलिंग गलत लिख रही है। पीएम के इस चुटीले अंदाज पर जहां लोग ठहाके भरते नजर आए तो वहीं प्रियंका गांधी ने आत्महत्या जैसे गंभीर विषय पर चुटकुले सुनाने पर हैरानी जताई है।