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मार-काट, तोड़-फोड़ और भ्रष्टाचार-बलात्कार भारतीय जनता पार्टी की वास्तविक पहचान है?

विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बयान जिस स्तर के होते हैं उसको सुनने के बाद यही समझ में आता है कि मार-काट, तोड़-फोड़ और भ्रष्टाचार-बलात्कार इस पार्टी की वास्तविक पहचान है। सबसे अहम बात तो यह है कि जो यह नारा देती है उसके बिल्कुल विपरीत कार्य करती है। जैसे सबका साथ सबका विकास नारे का वास्तविक अर्थ आज तक कोई नहीं समझ पाया है।

भारतीय जनता पार्टी दावा करती है कि भाजपा की विचारधारा को एक पंक्ति में कहना हो तो उसे इस तरह बयान किया जा सकता है कि ‘भारत माता की जय’। भारत का अर्थ है ‘अपना देश’। देश जो हिमालय से कन्याकुमारी तक फैला है और जिसे प्रकृति ने एक अखंड भूभाग के रूप में हमें दिया है। यह हमारी माता है और हम सभी भारतवासी उसकी संतान हैं। एक मां की संतान होने के नाते सभी भारतवासी सहोदर यानि भाई-बहन हैं। भारत माता कहने से एक भूमि और एक जन के साथ हमारी एक संस्कृति का भी ध्यान बना रहता है। इस माता की जय में हमारा संकल्प घोषित होता है और परम वैभव में है मां की सभी संतानों का सुख और अपनी संस्कृति के आधार पर विश्व में शांति व सौख्य की स्थापना। यही है ‘भारत माता की जय’। अब ज़रा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश के रतलाम में हुए एक भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि जो भारत माता की जय बोलेगा, वो हमारा भाई है और हम उसके लिए जान भी दे सकते हैं और जो भारत माता के ख़िलाफ़ बोलेगा, उसकी जान लेने में भी हम पीछे नहीं हटेंगे।

एक ओर भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि वह विश्व में शांति व सौख्य की स्थापना के सपने देखती है वहीं दूसरी ओर उसके नेता लोगों को मारने की बात करते हैं। इसी तरह इस पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं, कार्यकर्ताओं और यहां तक कि मंत्रियों को देश के ग़द्दारों को गोली मारो … को, के नारे लगाते हुए सना जा चुका है। वहीं इस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता गाय के नाम पर आम लोगों की हत्या करते हैं और हत्यारों का समर्थन करते हैं। बात यहीं समाप्त नहीं होती है भारत में किसी भी कोने में बलात्कार की कोई घटना होती है और उसमें भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हुआ कोई नेता, मंत्री और कार्यकर्ता संलिप्त पाया जाता है तो यह पार्टी अपने लोगों को बचाने के लिए हर तरह के हथकंड़ों का इस्तेमाल करती है। बात की जाए भ्रष्टाचार की तो जब तक कोई इस पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं होता तब तक वह पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबा हुआ होता है, लेकिन जैसे ही भाजपा का सदस्य बनता है वैसे ही उसके सारे भ्रष्टाचार के दाग़ धुल जाते हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी दावा करती है कि महात्मा गांधी के दृष्टिकोण के आधार पर भाजपा भी आर्थिक शोषण के खिलाफ है और साधनों के समुचित बंटवारे की पक्षधर है। हम इस बात पर विश्वास नहीं रखते कि कमाने वाला ही खाएगा। हमारी दृष्टि में कमा सकने वाला कमाएगा और जो जन्मा है वह खाएगा। हमारा मानना है कि समाज और राज्य सबकी चिन्ता करेंगे।


अब अगर भारतीय जनता पार्टी के इस दावे की समीक्षा की जाए तो सच्चाई यह है कि महात्मा गांधी को अपना मार्गदर्शक बताने वाली यह पार्टी उनके हत्यारे आतंकी नाथूराम गोडसे की सबसे बड़ी समर्थक है। बीजेपी के नेता आमतौर पर नाथूराम गोडसे के ख़िलाफ़ न केवल बोलने से कतराते हैं बल्कि इस आतंकी को महान बताने की भी कोशिश करते रहते हैं। जबकि बीजेपी के नेताओं को यह अच्छी तरह पता होना चाहिए कि महात्मा गांधी हिंसा के विरोधी थे, वे किसी भी प्रकार की हिंसा का कभी भी समर्थन नहीं करते थे। लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी के नेता खुले आम खुले मंच से लोगों को मारने की बात करते हैं। जैसाकि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रतलाम के बांगरोद में भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन कहा कि हम किसी के ख़िलाफ़ नहीं है, जो भारत माता की जय बोलेगा, वो हमारा भाई है और हम उसके लिए जान भी दे सकते हैं और जो भारत माता के ख़िलाफ़ बोलेगा, उसकी जान लेने में भी हम पीछे नहीं हटेंगे। कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी को सबसे पहले आप मंथन करने की ज़रूरत है क्योंकि या तो वह अपने नारों को बदले या फिर अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के विचारों को।

लेखक- रविश ज़ैदी, वरिष्ठ पत्रकार हैं, ऊपर के लेख में लिखे गए विचार लेखक के अपने हैं। तीसरी जंग हिन्दी का इससे समहत होना ज़रूरी नहीं है।
सोर्स : पारस टुडे हिंदी