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यूक्रेन के भीषण हमले में रूस के 9 लड़ाकू विमान तबाह : 21 लोगों की मौत, अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के संबंध हुए कटु : रिपोर्ट

क्रीमिया में रूसी हवाई छावनी में भीषण विस्फोट, रूस के 9 लड़ाकू विमान तबाह, एक की मौत, कई घायल

क्रीमिया में रूसी वायु सेना के एक अड्डे पर कई भीषण विस्फोट हुए जिसकी वजह से रूस के 9 लड़ाकू विमान तबाह हो गए।

प्रतीत यह हो रहा है कि यह हमला यूक्रेन ने किया था और इससे दोनों देशों के बीच जारी युद्ध के और भीषण रूप अख्तियार करने की आशंका है। रूस ने इन विस्फोटों में किसी भी लड़ाकू विमान के क्षतिग्रस्त होने की बात से इनकार किया है यहां तक कि उसने किसी तरह के हमले की खबर को भी खारिज कर दिया है।

जबकि सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों में एयरफोर्स के एक अड्डे पर कम से कम 7 लड़ाकू विमानों में आग लगी नजर आ रही है और अन्य क्षतिग्रस्त दिखाई दे रहे हैं। यूक्रेन के अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से अभी तक इन विस्फोटों की जिम्मेदारी नहीं ली है, जबकि ‘साकी एयर बेस’ पर आग लगने और विस्फोट के लिए रूस के फायर प्रोटेक्शन के नियमों और अज्ञात स्थानों में धूम्रपान निषेध होने के नियमों के प्रति लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।

मंगलवार को हुए ब्लास्ट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 14 अन्य घायल हो गए। धुएं का गुबार उठने से दहशत में भागते पर्यटकों के वीडियो सामने आए हैं। वीडियो में कुछ इमारतों में दरारें और टूटी खिड़कियां भी नजर आ रही हैं।

क्रीमिया के क्षेत्रीय नेता सर्गेई अक्स्योनोव ने बताया कि कई इमारतों के क्षतिग्रस्त होने के बाद करीब 250 लोगों को अस्थायी आवास में ठहराया गया है।

इससे पहले, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्तोविच ने एक ऑनलाइन मीडिया सम्मेलन में रहस्यमय ढंग से कहा कि विस्फोट या तो यूक्रेन के लंबी दूरी के हथियार के कारण हुए या यह क्रीमिया में सक्रिय कट्टरपंथियों का काम है।

21 लोगों की हुई मौत, किस बात को लेकर अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के संबंध कटु हो गये हैं?

प्राप्त समाचारों के अनुसार रूस ने यूक्रेन के मध्य हिस्से में रात भर गोला बारी की जिसकी वजह से यूक्रेन में 21 लोगों की मौत हो गयी।

समाचार एजेन्सी रॉयटर्स के अनुसार, यू्क्रेन के केंद्रीय दनिप्रोपेत्रोवस्क में रात भर गोलाबारी की खबर इस क्षेत्र के गवर्नर वालेनटन रेजनीचेंको ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि 11 लोगों की मौत निकोपोल ज़िले में हुई और 10 की मौत मार्गान्ट्स में हुई।

उधर दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में देशों पर किसी एक के पक्ष में आने का दबाव बनाना स्वीकार्य नहीं है।

दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री नालेडी पांडोर ने इस देश की यात्रा पर गये अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात में कहा कि वह इस बात से प्रसन्न हैं कि ब्लिंकन ने पुष्टि की है कि अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका से कोई पक्ष चुनने को नहीं कहा है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पर हालांकि यूरोप के कुछ देशों ने यूक्रेन पर उनकी नीतियों का साथ देने का दबाव डाला था। दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री ने इसके साथ ही अमेरिका के एक विधेयक की आलोचना की भी और कहा कि इस विधेयक में यूक्रेन युद्ध में साथ नहीं देने पर अफ्रीकी देशों को दंडित किए जाने का प्रावधान है।

मंत्री ने कहा कि सभी के लिए यह जरूरी है कि वे विभिन्न देशों की अलग-अलग राय का सम्मान करें।

गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के मुद्दे पर तटस्थ रूख अपनाने के कारण अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के संबंध कटु हो गये हैं।