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“राम नाम सत्य है…”
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =========== “राम नाम सत्य है…” के शब्द कानों में पड़ रहे थे और मेरे कदम मां की अर्थी के साथ तेज-तेज चल रहे थे. मेरे जीवन का अंतिम साथी भी मुझसे विदा हो गया था. बूढ़े मां-बाप की संतान था मैं. सात भाई-बहनों में सबसे छोटा. फिर कितने कदम साथ चल पाते […]
बाग़ उजड़ गए….द्वारिका प्रसाद अग्रवाल की कृति
द्वारिका प्रसाद अग्रवाल Lives in Bilaspur, Chhattīsgarh, India ========= बाग उजड़ गए : ========= बाग उजड़ गए बिही के. बिही जिसे अमरूद भी कहा जाता है, मेरे बिलासपुर के आसपास इसकी बेतरह पैदावार हुई करती थी. बिलासपुर से तखतपुर तक हज़ारों एकड़ जमीन, जिसे स्थानीय बोलचाल की भाषा में ‘बिही बाड़ी’ या ‘बिही बगैचा” कहते […]
ग़रीब घर की बेटी,,,,
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ========== ,,,गरीब घर की बेटी,,, “चलो निकलो मेरे घर से” शिवानी की सास अपने बेटे पर चिल्ला रही थी क्योंकि वो आज गरीब घर की बेटी शिवानी से कोर्ट मैरिज जो करके आया था, बिना दहेज के| सास के बड़े अरमान थे कि बेटे को पढाया लिखाया है तो उसकी कीमत भी […]