मणिपुर में जातीय हिंसा एक साल पहले भड़की थी. तीन मई, 2023 को मैतेई और कुकी-ज़ो समुदाय के बीच संघर्ष छिड़ गया था.
इसके बाद हिंसा की कई घटनाओं ने देश भर को झकझोर कर रख दिया था.
मणिपुर की 35 लाख की आबादी में से आधे से अधिक मैतेई समुदाय के लोग हैं, जो ख़ास तौर पर इम्फ़ाल और उसके आसपास के इलाकों में रहते हैं और इनका एक बड़ा हिस्सा हिंदू है.
वहीं कुकी-ज़ो और नगा जनजातियां पहाड़ी ज़िलों में रहती आईं हैं. कुकी-ज़ो समुदाय के लोग मुख़्य तौर पर ईसाई हैं.
इन दोनों ही समुदाय के बीच छिड़े संघर्ष की वजह से राज्य में कई दौर की हिंसा, मौत और इंटरनेट बंदी देखी गई.
इन सबके बीच विपक्ष बार-बार मणिपुर के हालात को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाता रहा है.
विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी से ये भी पूछता रहा है कि आख़िर वो मणिपुर क्यों नहीं जा रहे हैं?