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Indian Railways : यात्रियों को कोरोना से बचाने नई वंदे भारत में हुआ ये बदलाव

Indian Railways: नई वंदे भारत ट्रेनों में हवा से आने वाले कीटाणु, बैक्टीरिया और अन्य वायरस को दूर रखने के लिए कैटेलिटिक अल्ट्रावॉयलेट एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम लगाया गया है, जो ताजी हवा और वापस आ रही हवा के माध्यम से आने वाले कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस युक्त हवा को फिल्टर और साफ करेगा…

जल्द ही पटरियों पर दौड़ती नजर आने वाली वंदे भारत-2 पहले की वंदे भारत ट्रेनों से अलग होगी। इस नई ट्रेन में यात्री सुविधाओं को देखते हुए कई तरह के परिवर्तन किए गए हैं। नई ट्रेन में कोविड को लेकर भी खास इंतजाम किए गए हैं। नई ट्रेन यात्रियों के स्वास्थ्य की दृष्टि से अधिक सुरक्षित हो गई है। अब यह बदलाव नई आने वाली सभी वंदे भारत ट्रेनों में किया जाएगा।

नई वंदे भारत ट्रेनों में हवा से आने वाले कीटाणु, बैक्टीरिया और अन्य वायरस को दूर रखने के लिए कैटेलिटिक अल्ट्रावॉयलेट एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम लगाया गया है। यह सिस्टम नए डिजाइन में वायु शुद्धिकरण के लिए रूफ माउंटेड पैकेज यूनिट (आरएमपीयू) के तौर पर मिलेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन सीएसआईओ, चंडीगढ़ की सिफारिश पर इस सिस्टम को आरएमपीयू के दोनों सिरों में स्थापित किया गया है। जिससे ताजी हवा और वापस आ रही हवा के माध्यम से आने वाले कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस युक्त हवा को फिल्टर और साफ किया जा सके। जिससे ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को स्वस्थ माहौल में यात्रा कर सकें।

जानकारी के अनुसार, नई वंदे भारत ट्रेन 30 सितंबर से शुरू हो सकती है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार ट्रेन को सीआरएस क्लीयरेंस मिल चुका है। यानी अब ट्रेन चलने के लिए बिल्कुल तैयार है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि 30 सितंबर को अहमदाबाद से ट्रेन को झंडी दिखाई जा सकती है।

भारतीय रेलवे की 15 अगस्त 2023 से पहले एक साल में 75 वंदे भारत ट्रेनें ट्रैक पर उतारने की तैयारी है। रेलवे मंत्रालय के अनुसार नई ट्रेन के निर्माण के बाद बची 74 वंदे भारत ट्रेनों का प्रोडक्शन जल्दी-जल्दी किया जाएगा। पहले शुरू के दो-तीन माह में प्रतिमाह दो से तीन वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद प्रतिमाह प्रोडक्शन बढ़ाकर 6 से 7 तक किया जाएगा। इस तरह अगले वर्ष तक 75 या इससे अधिक ट्रेनें तैयार कर ली जाएंगी।