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Video:अज़हरी मियाँ के जनाज़े में उमड़ा जनसैलाब-बरेली की गलियों में गूँज रहा ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’

बरेली: बरेली में ख़ानक़ाह आला हजरत के जिम्मेदार ताजुशरिया का लक़ब पाने वाले बुज़ुर्ग मुफ़्ती मुहम्मद अख्तर रज़ा खान कादरी अज़हरी उर्फ अज़हरी मियां का शुक्रवार की शाम इंतकाल हो गया था,जिसकी खबर देश विदेश में पहुंचते ही मुरीदों में मातम छा गया,हर किसी की आँख नम थी।

मुफ़्ती अज़हरी मियाँ का जन्म 2 फरवरी, 1943 में हुआ था उनकी उम्र लगभग 75 वर्ष थी,वह देश के सुन्नी बरेलवी मुलसमानों के सबसे बड़े मज़हबी रहनुमा माने जाते थे. उन्हें अमान (जॉर्डन) के रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटेजिक स्टडीज सेंटर द्वारा 2014-15 में दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुस्लिमों में शामिल किया गया था. उन्हें ‘क़ाज़ी-उल-कुज़त-फिल-हिन्द’ कहा जाता था।

काफी समय से थे बीमार, विदेशों से आ रहे लोग
ताजुशरिया मुफ़्ती अख्तर रज़ा खान क़ादरी अज़हरी काफी समय से बीमार चल रहे थे. बेटे मौलाना असजद रज़ा खान व उनके दामाद सलमान हसन खान द्वारा उनकी देखभाल की जा रही थी. कुछ दिन पहले ही उन्हें हॉस्पिटल में भी भर्ती कराया गया था, लेकिन बीमारी के चलते वह चल फिर भी नहीं पा रहे थे. इंतकाल की खबर सुनते ही उनके घर से लोगों की भीड़ जमा है. देश के साथ ही विदेशों से भी लोग आ रहे हैं. उनके बेटे के अनुसार विदेशों से बरेली के लिए कई लोग रवाना हो चुके हैं।

बरेली में ताजुशरिया के जनाज़े में शामिल होने के लिये देश विदेश लाखों की संख्या में लोग बरेली पहुँचे हुए हैं जहां उन्हें आला हज़रत की निकट दफनाया जायेगा, हज़रत अज़हरी मियाँ के जनाज़े में शरीक होने और आखरी दीदार के लिये लाखों की संख्या में मुरीदीन और मुंतसीबीन बरेली में इकट्ठा हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बरेली में हुजूम का ये आलम है कि पाँव रखने को भी जगह नही है,लोगों के अनुमान के मुताबिक भीड़ की संख्या 8 लाख से अधिक है,कई लोगों का कहना है कि ज़िन्दगी में उन्होंने कभी इतनी भीड़ नही देखी है।

पूरी दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुस्लिमों में थे शामिल

उनके मुरीदों की संख्या करोड़ों में हैं. पूरी दुनिया में उनके मुरीद हैं. ताजशुरिया मुफ़्ती अख्तर रज़ा देश के सबसे प्रभावशाली मुसलमान माने जाते थे. उन्होंने 2000 में इस्लामिक सेमिनरी सेंटर ऑफ इस्लामिक स्टडीज की स्थापना की की थी. उन्हें ‘क़ाज़ी उल कुज़त फिल हिन्द’ कहा जाता था. उनके प्रभाव और ज्ञान को देखते हुए जॉर्डन देश के द्वारा दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया था. उनके द्वारा आयोजित उर्स में सऊदी अरब, मिस्र, अमेरिका, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, जिम्बाम्वे, मॉरिशस जैसे देशों में न सिर्फ दावत भेजी जाती थी, बल्कि लोग आते भी थे।