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रीना तिवारी की दो रचनायें, ”उलझन” और ”आंसू” पढ़िये!
Rina Tiwari · ============= शीर्षक -उलझन भ्रमित मन में ही, अपना घर बना लेती है उलझने! मन के तम में भटके , शब्दों का वृहत आयाम ले लेती है उलझने! सोचती हूं , शायद अब उलझने अपना विराम ले लेंगी ! उलझते मेरे सवालों का, एक नियमित आधार लें लेगी ! शायद, मन में उठते […]
जब बहू अपने ससुर के इस आदत से पूरी तरह ऊब गई तो उसने,,,,
Arvind Verma ============== घर की नई नवेली इकलौती बहू एक प्राइवेट बैंक में बड़े ओहदे पर थी । उसकी सास तकरीबन एक साल पहले ही गुज़र चुकी थी । घर में बुज़ुर्ग ससुर औऱ उसके पति के अलावे कोई न था । पति का अपना कारोबार था । पिछले कुछ दिनों से बहू के साथ […]
——– अबकी बार, ले चल पार ——-By-रवीन्द्र कान्त त्यागी
Ravindra Kant Tyagi =================== ——– अबकी बार, ले चल पार ——- छुट्टी के अब मात्र पांच दिन बचे हैं. जब से ऑस्ट्रेलिया से लौटा हूँ, कॉलेज के ज़माने के एक भी मित्र से मुलाकात नहीं हुई. पांच साल लंगे समय के थपेड़ों ने सब को जहां तहां बखेर दिया है. हर शाम उदास सा इस […]