साहित्य

पापा के पास कोई और शर्ट पैंट नहीं है क्या ?

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =============== “पापा के पास कोई और शर्ट पैंट नहीं है क्या ? जब से देख रहा हूं यही तीन चार जोड़ी कपड़े लटकाए रहते हैं ।” कोचिंग से आकर पानी भी नहीं पिया सीधा मां को शिकायत सुनाने लगा । “क्या हुआ आज फिर किसी ने पापा पर कमेंट कर दिया क्या […]

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मुझे जुगाड़ की ज़िंदगी जीने की आदत हो गई है!

मनस्वी अपर्णा लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ========= मुझे याद नहीं है कि मेरी ये सोच कब से बन गई है लेकिन अरसा हुआ है मुझे बनाने वालों से ज़्यादा सुधारने वाले पसंद आते हैं…..आमतौर पर दुनिया उनको सर माथे पर बिठाती है जो कुछ creation करते हैं या construction करते हैं, ठीक भी है उनकी योग्यता […]

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“पापा! ताईजी को शायद कैंसर है…..

Saheli Magazine ============== #कहानी- गांठ “पापा! ताईजी को शायद कैंसर है!” बेटा धड़धड़ाते हुए कमरे में घुसा. “कहां से चले आ रहे हो रिपोर्टर बने हुए? पता भी है क्या बोल रहे हो..?” मैंने महसूस किया कि दिसंबर की ठंड में भी पसीना मेरी कनपटी भिगो रहा था. “डाॅक्टर अंकल हैं ना, संतोष अंकल… मिले […]

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मेरे घर के बाजू में एक आंटी अकेले रहती थीं, वो…

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============== करीब 32 साल पुरानी बात है, मेरे घर के बाजू में एक बुजुर्ग आंटी अकेले रहती थीं, वो शासकीय सहायता से गरीब बच्चों के लिऐ स्कूल चलाती थीं , जो आर्थिक योगदान उन्हें मिलता था उससे वो अपना जीवन यापन करती थीं बच्चो को खाने के नाम पर सिर्फ़ लकड़ियों से […]

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वो तो बस रोए जा रहा था…..बार-बार, लगातार…….!!

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============= “जल्दी करो,जल्दी करो, देर हो रही है…कितनी देर लगाती हो एक टिफ़िन देने में”…..प्रफुल्ल बाबू ने झल्लाते हुए अपनी पत्नी मीतू से कहा । “आ गई, आ गई….अब आसमान सिर पर मत उठाईये…लीजिए अपना टिफ़िन, ख़ुद सुबह उठने में देर करते हैं औऱ सारा दोष मेरे मत्थे मड़ देते हैं….इसे कहते […]

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आप लोग सोच भी नहीं सकते वो कौन हैं….. @संगीता अग्रवाल जी कि क़लम से

#पढ़ी लिखी?? उमेश ने रुचि से लव मैरिज की थी, दोनों साथ ही पढ़ते थे कॉलेज में,रुचि बहुत प्रतिभाशाली थी, हमेशा टॉप पर रहती, से आगे ही रहती हमेशा, दोनो की शुरू से दोस्ती थी और फिर वो प्यार में बदल गई। रुचि एक अमीर परिवार की शहरी लड़की थी, उसके पापा बड़े बिजनेसमैन थे, […]

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“क़र्ज़”……जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर पंजाब जा रही थी…

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============= ” कर्ज……. विवाह के दो वर्ष हुए थे जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर पंजाब जा रही थी …पति शहर से बाहर थे … जिस रिश्ते के भाई को स्टेशन से ट्रेन मे बिठाने को कहा था वो लेट होती ट्रेन की वजह से रुकने में मूड में नहीं था […]

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“देखो बेटा, बाई की बेइज़्ज़ती नहीं करते, उसके साथ तमीज़ से पेश आया करो”

Ankit Tiwari ================= #कहानी- महत्वाकांक्षा नियुक्ति का पत्र हाथ में लिए वह ख़ुशी से पागल हुई जा रही थी. कितनी ही बार पढ़ा उसने पत्र को. क्या सचमुच यह नियुक्ति-पत्र ही है? सपना तो नहीं देख रही मैं? नहीं, यह सपना नहीं है. हक़ीक़त है. उसने घर के दरवाज़े खोल दिए, ठंडी हवा के झोंकें […]

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‘मैं’ के संकीर्ण दायरे के बाहर की विस्तृत दुनिया…मीनू त्रिपाठी की #कहानी- वापसी

Saheli Magazine ============ #कहानी- वापसी “पापा, देखिए तो ज़रा किसका फोन है.” नैना की आवाज़ पर शरद ने बगल में बजते फोन का रिसीवर उठा लिया. “हेलो.” बोलते ही पहचानी-सी आवाज़ आई, “अंकल प्रणाम, नारायण बोल रहा हूं.” शरद अपने मथुरावाले घर के किराएदार नारायण की आवाज़ पहचान गए. कुछ कहते, उससे पहले ही नारायण […]

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हम उसको बेवकूफ़ बनाकर सारे काम भी करवा लेते हैं….

उर्वशी अपनी ससुराल में तीन देवरानी जेठानियों में सबसे छोटी थी। सारा दिन भाग-भाग कर वह काम में लगी रहती। हर कोई उसे आवाज लगाकर कहता उर्वशी ये काम कर दो, उर्वशी वो काम कर दो। वह भी बिना थके, बिना शिकवा-शिकायत के दिन-रात सबकी सेवा में जुटी रहती थी। उसकी सास प्रमिला जी कई […]