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हवाई हमलों में शहीद हुए सैकड़ों हाफिज क़ुरआन की माएँ हॉस्पिटल के बाहर तड़प रही हैं बिलबिला रही हैं

नई दिल्ली:अल जजीरा के अनुसार स्थानियों ने बताया है कि इस दीनी जलसे में नन्हें हाफ़िज़ जिनकी दस्तारबंदी हुई थी सब शहीद होगए हैं इसके अलावा “बहुत से आम नागरिक” भी इसमें शहीद होगए हैं जिनके पूरे पूरे परिवार तबाह होगए हैं।

मोहम्मद अब्दुल हक ने अल जजीरा को बताया, “समारोह में 11 या 12 वर्ष के नन्हें मासूम बच्चे थे जिन्होंने क़ुरआन पाक हिफ़्ज़ किया था जिस पर उन्हें मदरसे में दस्तार और पुरुस्कार दिया गया था।

माँए अपने बच्चों की मौत के लिए अस्पताल के बाहर रो रही है उनकी तड़प और बिलकना देखकर हर देखने वाली की आंख में आँसू आरहे है,अन्य गवाहों ने अल जजीरा को बताया कि हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि “मैं अपने खेत में काम कर रहा था जब मैंने हेलीकॉप्टर और जेट्स को मदरसे (धार्मिक स्कूल) पर बमबारी करते हुए सुना था जहां नये हाफ़िज़ क़ुरआन (जो कुरान के 30 अध्यायों को याद करते हैं) की दस्तारबंदी होरही थी ।

स्थानीय नागरिक ने बताया कि “तालिबान इस क्षेत्र में सक्रिय हैं, लेकिन इस समारोह ज्यादातर मासूम बच्चे और युवा लड़के शामिल थे”यह एक आपदा थी हर जगह खून ही खून था”

तालिबान ने अल जज़ीरा को भेजे गए प्रेस रिलीज़ में कहा है कि हमला के दौरान कोई भी सैनिक मौजूद नहीं थे, जबकि हवाई हमले करीब 150 इस्लामिक स्कॉलर,मौलाना,मुफ़्ती,हाफ़िज़,शहीद हुए हैं और इनमें ज्यादातर संख्या उन मासूम बच्चों की है जिहोने हिफ़्ज़ क़ुरआन मुक्कमल किया था।